image: Poster launch of the song Devbhoomi Aao-Uttarakhand Aao

उत्तराखंड: गीत के जरिए शीतकालीन यात्रा पर आने का न्यौता, CM धामी ने रिलीज किया पोस्टर

इस गीत के माध्यम से उत्तराखण्ड शीतकालीन यात्रा के महत्व को उजागर करते हुए, दर्शनार्थियों और पर्यटकों से अनुरोध किया गया है कि वे देवभूमि उत्तराखण्ड आएं और यहाँ के शीतकालीन प्रवास स्थलों का दर्शन कर पुण्य अर्जित करें।
Feb 5 2025 6:17PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास के कैम्प कार्यालय में शीतकालीन यात्रा पर आधारित गीत ‘देवभूमि आओ-उत्तराखण्ड आओ’ का पोस्टर विमोचित किया और इसे यूट्यूब पर लॉन्च किया। मुख्यमंत्री ने इस गीत की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष से शुरू की गई शीतकालीन यात्रा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता को उजागर करने में यह प्रयास महत्वपूर्ण है।

CM released the poster of the song Devbhoomi Aao-Uttarakhand Aao

मुख्यमंत्री ने तीर्थाटन और शीतकालीन यात्रा के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे वर्ष भर उत्तराखंड आकर शीतकालीन प्रवास स्थलों का दर्शन करें। उन्होंने बताया कि इस हेतु राज्य सरकार द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। पहले चारधाम यात्रा केवल ग्रीष्मकाल में होती थी, लेकिन अब शीतकालीन प्रवास स्थलों पर भी दर्शन की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाने में सहायक होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह गीत अत्यंत मधुर है और उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिकता, और यहां के पवित्र धामों और मंदिरों से आम जनमानस को जोड़ते हुए उन्हें देवभूमि उत्तराखंड आने के लिए प्रेरित करेगा।

गीत में उत्तराखंड के सौन्दर्य का उल्लेख

इस गीत को प्रसिद्ध गीतकार और गायक श्री भूपेन्द्र बसेड़ा ने लिखा है, जबकि नवोदित संगीतकार ललित गित्यार ने इसे संगीतबद्ध किया है। इस गीत के माध्यम से उत्तराखण्ड शीतकालीन यात्रा के महत्व को उजागर करते हुए, दर्शनार्थियों और पर्यटकों से अनुरोध किया गया है कि वे देवभूमि उत्तराखण्ड आएं और यहाँ के शीतकालीन प्रवास स्थलों का दर्शन कर पुण्य अर्जित करें। गीत में उत्तराखण्ड के विभिन्न तीर्थ स्थलों जैसे पंचकेदार, पंच बद्री, पंच प्रयाग, कैलाश, ओम पर्वत, जागेश्वर, बागेश्वर, पूर्णागिरी, ऋषिकेश और हरिद्वार का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही, उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर कौसानी, मुक्तेश्वर, बिनसर, नैनीताल, मसूरी, चकराता और औली जैसे स्थलों में कुछ समय बिताने की अपील की गई है। गीत के विमोचन के अवसर पर अपर सचिव पन्ना लाल शुक्ल और श्री बद्रीनाथ के. उपस्थित रहे।


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