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Uttarakhand News: कोटद्वार में पति ने पत्नी का गला दबा कर खुद पर भी चला दिया चाकू, पत्नी की मौत

बुधवार की रात पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ, इस दौरान मनोज ने अपनी पत्नी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने चाकू से अपने गले और दोनों हाथों की नसों को भी काट दिया।
Feb 21 2025 11:52AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

रिखणीखाल थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी, जिसके बाद उसने आत्महत्या का प्रयास भी किया। पत्नी के मायके वालों में बेटी की मौत से हड़कंप मच गया है। उनका कहना है कि वह व्यक्ति हमेशा उनकी बेटी को परेशान करता था। मृतका के शव का पंचनामा कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

Husband killed his wife in Kotdwar

जानकारी के अनुसार, रिखणीखाल थाना क्षेत्र के धामधार गांव के निवासी मनोज रावत (40), पुत्र केसर सिंह और उनकी पत्नी शशि (30), पुत्री सतपाल सिंह, कोटद्वार में जल निगम स्टोर के निकट एक किराए के मकान में रह रहे थे। बुधवार की रात दोनों के बीच विवाद हुआ, इस दौरान मनोज ने अपनी पत्नी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने चाकू से अपने गले और दोनों हाथों की नसों को भी काट लिया। इस घटना के बाद दोनों को एंबुलेंस के माध्यम से बेस अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने शशि को मृत घोषित कर दिया, जबकि मनोज का इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलने पर शशि के मायके (कुमाल्डी गांव) से लोग अस्पताल पहुंचे। बेटी की मौत से परिवार में हाहाकार मच गया और इस घटना को लेकर उनमें गहरा आक्रोश भी था।
अस्पताल से सूचना मिलने के बाद तहसीलदार साक्षी उपाध्याय अस्पताल पहुंचे वहां उन्होंने घायल मनोज रावत के बयान दर्ज किए। वह लगातार पुलिस, अस्पताल के कर्मचारियों और अपने परिजनों से अपनी पत्नी के बारे में पूछता रहा था। ऐसे में अस्पताल में इस विषय पर चर्चा चल रही थी कि मनोज ने तनाव के कारण इस घटना को अंजाम दिया।

शादी के कुछ समय बाद से ही करता था मारपीट

पुलिस पूछताछ में शशि के पिता सतपाल सिंह रावत "हरियाणा पुलिस में उपनिरीक्षक के पद से 2023 में सेवानिवृत्त हुए" ने जानकारी दी कि, उन्होंने शशि की शादी 2013 में मनोज रावत से की थी। उस समय मनोज होटल प्रबंधन में कार्यरत था। कुछ समय तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन बाद में उसने शशि को परेशान करना, मरना पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चे होने के बाद भी वे मनोज को आर्थिक रूप से सहायता करता रहे। यहां तक कि कोरोनाकाल के बाद उन्होंने मनोज को होटल उद्योग में नौकरी के लिए जर्मनी भेजा, लेकिन वो वहां से छह महीने बाद लौट आया, उसके बाद से वो शशि को और अधिक परेशान करने लगा। बुधवार की रात तो उसने शशि की हत्या ही कर दी।


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