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अल्मोड़ा में प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर बवाल, कानूनी कार्रवाई की मांग.. विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन

उत्तराखंड के वित मंत्री ने विधानसभा में पहाड़ी लोगों के लिए अभद्र भाषा में उपयोग किया था, जिस कारण पहाड़ी लोगों में उनके प्रति आक्रोश उत्पन्न हो गया. राज्य की जनता उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही..
Feb 25 2025 8:13PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

विधानसभा सत्र की दूसरी बैठक के दौरान मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पहाड़ के खिलाफ कुछ अनुचित बातें कहीं थी. जिस पर राज्य की जनता उनका विरोध कर रही है. कई पदाधिकारियों ने जिला अधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड को प्रेमचंद्र प्रेमचंद के खिलाफ कार्रवाई के लिए ज्ञापन भेजा है।

Memorandum against Prem Chand to the Speaker of the Assembly

आज राष्ट्र नीति संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट विनोद तिवारी के नेतृत्व में कई पदाधिकारी ने जिला अधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड को ज्ञापन भेजा है। जिसमें प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने तथा विधानसभा नियमावली 2005 के कई प्रावधानों को उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

किसी भी समुदाय को अपमानित करना प्रतिबंधित

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ज्ञापन में कहा गया गया है कि प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विधानसभा नियमावली 2005 के नियम 285, 286 और 300 तथा नियम 75 का उल्लंघन किया गया। जिसमें कहा है कि विधानसभा की कार्रवाई के दौरान किसी भी समुदाय को अपमानित करना प्रतिबंधित है। इसके अलावा कोई भी मानहानिकारक तत्व अथवा तथ्य किसी के द्वारा भी नहीं कहा जाना अपराध है।

वैधानिक कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज

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ज्ञापन में लिखा गया है कि प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत दी गई शक्तियों का भी खुला उल्लंघन हुआ है। प्रेमचंद अग्रवाल पर कार्रवाई करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष है, अतः विधानसभा अध्यक्ष को उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज करना चाहिए।

उत्तराखंड निवासी का अधिकार

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महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, ने प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर तीव्र आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि "जय पहाड़" और "जय पहाड़ी" कहना भारतीय संविधान के अंतर्गत एक मौलिक अधिकार है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19, 25 और 29 के अनुसार, यह हर उत्तराखंड निवासी का अधिकार है जिसे कोई भी सरकार छीन नहीं सकती। यह संविधान के मूल ढांचे की अवधारणा का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इस अवसर पर राष्ट्रीय नीति संगठन के कई पदाधिकारी, जैसे मनोज, दीपक, देवेंद्र आदि, उपस्थित थे।


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