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उत्तराखंड: सदियों से बहने वाला जल स्रोत 3 साल से सूखा पड़ा, स्थानीय लोग परेशान.. प्रशासन मौन

कुमाऊं राजमार्ग पर स्थित का ये जल स्रोत भीमताल झील को रीचार्ज करने का प्रमुख साधन था, इसके सूखने से स्थानीय लोग गहरी चिंता में हैं। जल स्रोत को पुनर्जीवित करने की मांग मुख्यमंत्री से भी की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ...
Feb 25 2025 9:26PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

सदियों से बहने वाला जल स्रोत प्रशासन की लापरवाही के कारण आज 3 साल से सूखा पड़ा है। समाजसेवी बृजवासी ने मुख्य विकास अधिकारी अशोक पांडेय से स्रोत के सूखने के कारणों की जांच एवं सूखे जल स्रोत को पुनर्जीवित करने की माँग की है।

Old water source in Bhimtal getting vanished

भीमताल, जहाँ शासन-प्रशासन जल संरक्षण के मुद्दे पर बड़े-बड़े दावे और सेमिनार आयोजित करते हैं, वहीं कुमाऊँ राज मार्ग पर स्थित इस झीलों के शहर का एक महत्वपूर्ण जल स्रोत, जो 15 से 20 लीटर प्रति मिनट की दर से बहता था, पिछले तीन वर्षों से सूख चुका है। इसके सूखने के कारणों की जांच करने पर जल संस्थान, सिंचाई विभाग, वन विभाग, प्राधिकरण विभाग, नगर पंचायत और जिला प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। यह जल स्रोत भीमताल झील को रीचार्ज करने का प्रमुख साधन था, और इसके सूखने से स्थानीय लोग गहरी चिंता में हैं।

क्षेत्र में पानी की कमी

स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इस जल स्रोत को सूखते देखा है। इस जल स्रोत के सूखने के कारण आसपास के क्षेत्र में पानी की गंभीर कमी उत्पन्न हो गई है। जल संरक्षण से संबंधित इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने कई बार निम्न स्तर से लेकर मुख्यमंत्री तक अपनी मांगें उठाई हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने में असफल रहा है।

सूखे जल स्रोत की तात्कालिक जांच की मांग

Old water source in Bhimtal getting vanished
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स्थानीय निवासियों ने बताया कि दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के घोड़ाखाल मंदिर दौरे के दौरान उनसे सीधे तौर पर मांग की गई थी। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने 11 मई 2022 को पत्रांक संख्या 4511 के माध्यम से प्रशासन को जांच के निर्देश दिए थे। लेकिन, इसके बाद से अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। गर्मी का मौसम आने वाला है और नगरवासी सभी चिंतित हैं। यदि जल धाराएं इसी तरह सूखती रहीं और प्रशासन जांच करने में असफल रहा, तो जल संरक्षण पर उनके बड़े-बड़े दावे करने का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। ब्रजवासी ने आज पुनः मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल, अशोक पांडेय से सूखे जल स्रोत की तात्कालिक जांच और उसे पुनर्जीवित करने की मांग की है।


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