Uttarakhand News: शौहर के तीन तलाक देने पर बीवी ने गंगनहर में लगाई छलांग, 5 आरोपियों पर मुकदमा.. तलाश जारी
आरोपी खुशनूद के 10 बच्चे हैं, जिनमें उसकी पहली पत्नी से 6 बेटियां और 1 बेटा है दूसरी पत्नी साजिया के 3 बेटे हैं। साजिया के परिवार ने पुलिस को एक शिकायत दी, जिसके आधार पर खुशनूद सहित पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
Apr 3 2025 1:14PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
खुशनूद नाम के शख्स ने अपनी दूसरी बीवी को तीन तलाक दिया। जिसके बाद पीड़ित पत्नी ने गंगनहर में छलांग लगा दी। पुलिस टीम द्वारा महिला की तलाश की जा रही है लेकिन आज तीसरे दिन भी महिला का कोई अता-पता नहीं है। पुलिस ने महिला के पति सहित पांच आरोपियों पर केस दर्ज किया है।
Wife jumps into canal after husband gives her triple talaq
जानकारी के अनुसार, रुड़की के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के सफरपुर गांव के निवासी खुशनूद ने सहारनपुर की साजिया नामक युवती से नौ साल पहले निकाह किया था। आरोपी खुशनूद पहले से ही शादीशुदा था जो बात उसने साजिया से छिपाई थी। जब साजिया को इस सच का पता चला, तो उसने इसका विरोध किया, जिसके बाद आरोपी खुशनूद ने साजिया के साथ मारपीट की और उसे घर से बाहर निकाल दिया। साजिया जब अपने पति खुशनूद के घर लौटी, तो खुशनूद ने उसे तीन तलाक दे दिया। इसके बाद, खुशनूद और उसके परिवार के सदस्यों ने मिलकर साजिया के साथ मारपीट की और उसे घर से बाहर निकाल दिया। तीन तलाक के बाद साजिया मानसिक तनाव में थी।
5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा
बताया जा रहा है कि तनाव के चलते सजिया ने गंगनहर में छलांग लगाई। पुलिस साजिया की गंगनहर में तलाश कर रही है, जिसके लिए जल पुलिस के गोताखोरों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक उसका कोई पता नहीं चला है। जानकारी के अनुसार, आरोपी खुशनूद के 10 बच्चे हैं, जिनमें उसकी पहली पत्नी से 6 बेटियां और 1 बेटा है। वहीं, गंगनहर में डूबकर लापता हुई दूसरी पत्नी साजिया के 3 बेटे हैं। साजिया के परिवार ने पुलिस को एक शिकायत दी, जिसके आधार पर साजिया के पति खुशनूद सहित पांच व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है तीन तलाक
भारत में तीन तलाक अवैध है, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में इसे असंवैधानिक करार दिया। इसके बाद, 2019 में संसद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 को पारित करते हुए इसे एक अपराध घोषित किया। इस कानून के अनुसार, तीन तलाक देना एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है, जिसके लिए दोषी को तीन साल तक की सजा हो सकती है।