उत्तराखंड: सैलरी के पैसे चुराता था बेटा, पिता ने गला घोंटकर कर डाली हत्या
12 अप्रैल को अपनी मां के साथ अपने गांव से लौटने के बाद अंकित ने घर में रखे 10 हजार रुपए चुरा लिए। इसे लेकर घटना की सुबह घर में लड़ाई हुई । उसके बाद आरोपी देवीदत्त ने बेटे अंकित की हत्या की योजना बनाई।
Apr 16 2025 5:06PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड: सैलरी के पैसे चुराता था बेटा, पिता ने गला घोंटकर कर डाली हत्या
पंतनगर के सिडकुल क्षेत्र में हुई कक्षा 6 के छात्र की हत्या का पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटे बाद खुलासा कर दिया। इस हत्याकांड में पिता ही अपने बेटे का हत्यारा निकला। एसपी क्राइम निहारिका तोमर ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि 15 अप्रैल को सिडकुल के रिद्धी-सिद्धी कंपनी के पास खाली मैदान में शव पड़े होने की सूचना मिली थी।
Father killed his son in Rudrapur
सूचना पर थाना पंतनगर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और फील्ड फोरेंसिक यूनिट के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। मृतक के परिजन मौके पर पूर्व से ही मौजूद थे, जिन्होंने शव की पहचान अंकित पुत्र देवीदत्त उम्र 15 वर्ष स्थाई निवासी तहसील बीसलपुर थाना बरखेडा जिला पीलीभीत यूपी, हाल निवासी आजादनगर ट्रांजिट कैंप के रूप में की थी। अंकित के गले में उसके द्वारा पहनी स्कूल ड्रेस की कमीज कसी हुई थी और उसके चेहरे व शरीर पर चोट के निशान थे। तहरीर के आधार पर थाना पंतनगर में आरोपी के खिलाफ एफआईआऱ न0 69/2025 धारा 103(1) BNS पंजीकृत किया गया। इसके बाद एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देशन पर पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया और जल्द से जल्द हत्याकांड का खुलासा करने में पुलिस जुटी।
जांच में हुआ खुलासा
सर्विलांस, मैनवल सर्विलांस एवं पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन पर मृतक का अपने पिता देवीदत्त गंगवार के साथ स्कूल न जाकर घटनास्थल की ओर जाना पाया गया। बयानो में भिन्नता एवं सीसीटीवी फुटेज से संदेह होने पर मृतक के पिता देवीदत्त व अन्य गवाह पूछताछ हेतु थाने बुलाया गया।
स्कूल कमीज से घोंटा गला
पूछताछ के दौरान देवीदत्त गंगवार ने बताया कि वह देवछाया कंपनी सिडकुल मे काम करता है तथा महीने का लगभग 18 हजार रुपए कमाता है। अंकित अक्सर घर मे रखे पैसे चोरी कर लिया करता था। 12 अप्रैल को अपनी मां के साथ अपने गांव से लौटने के बाद अंकित ने घर में रखे 10 हजार रुपए चुरा लिए। इसे लेकर घटना की सुबह घर में लडाई हुई और उसने अंकित की पिटाई कर दी। इसके बाद आरोपी देवीदत्त ने अंकित की हत्या की योजना बनाई। योजना के तहत वह अंकित और अपने छोटे बेटे को सुबह स्कूल छोडने के लिए घर से निकला। छोटे बेटे को स्कूल छोडने के बाद अंकित को घटनास्थल की ओर ले गया। वहां पहुचने के बाद लकड़ी इकट्ठा करने के बहाने अंकित से उसकी कमीज उतरवाई और अंकित के गले में बांधकर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद हत्यारा अपनी कंपनी मे आया तथा अपने सहकर्मी का मोबाइल लेकर भतीजे अभिषेक के नंबर पर कॉल कर आवाज बदलकर बताया कि अंकित रिद्धि सिद्धी कंपनी के पीछे बेहोश पड़ा है। सूचना प्राप्त होने पर अभिषेक व अन्य परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी के बयानों एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर घटना मे प्रयुक्त साइकिल भी बरामद की गई।
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
बाप द्वारा बेटे की हत्या के बाद शहरभर में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। आरोपी देवीदत्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और न ही व शराब और नशे का आदी था। यह घटना दुखद तो है, लेकिन यह भी बताती है कि कमजोर आर्थिक हालात इंसान से बड़े से बड़ा अपराध करा लेते हैं। मनोचिकित्सकों के अनुसार जब किसी के सामने आर्थिक तंगी और जिम्मेदारियां होती हैं तो उसकी मानसिक स्थिति काफी कमजोर होने लगती है। उसके सोचने समझने की क्षमता घट जाती है औश्र वह तनाव में रहने लगता है। घटना वाले दिन भी अंकित द्वारा सीधे तोर पर दस हजार रुपए चोरी की बात पर जो विवाद परिवार में हुआ, उसके बाद देवीदत्त की भला-बुरा सोचने की क्षमता शून्य हो गई। इस कारण उसने अपने ही बेटे को मौत के घाट उतार दिया। देवीदत्त को कुल 18 हजार सैलरी मिती थी। उसमें भी दस हजार चोरी हो जाने पर वह अपना आपा खो बैठा और अपने ही जिगर के टुकड़े को मौत के घाट उतार दिया।