image: Riders agitation against Swiggy-Zomato

उत्तराखंड: स्विगी-ज़ोमैटो का युवाओं पर अत्याचार, आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरे कई राइडर

ये कंपनियां स्थानीय लोगों से ऑर्डर लेकर अपना करोड़ों का राजस्व कमाती हैं और स्थानीय युवाओं को ही परेशान कर रही हैं। उनको न केवल बहुत कम दरों पर इंसेंटिव दिया जा रहा है, बल्कि कोई भी एक्सीडेंट होने पर भी पल्ला झाड़ लिया जा रहा है।
Apr 16 2025 6:33PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

फूड डिलीवरी चेन स्विग्गी और जोमैटो के प्रबंधन द्वारा रायडरों के किए जा रहे शोषण के खिलाफ बुधवार को सैकड़ों राइडर सड़कों पर उतरे। आंदोलनकारी एवं समाजसेवी सुशील गाबा, पूर्व पार्षद मोनू निषाद एवं पार्षद सचिन मुंजाल के नेतृत्व में रायडरों ने गांधी पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा तले जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया।

Riders' agitation against Swiggy-Zomato

गौरतलब है कि पिछले 7 दिनों से स्विग्गी और जोमैटो कंपनियों के 120 राइडर राइड का प्रति किमी रेट बढ़ने तथा अन्य मानवाधिकारों को लेकर कार्य से विरत थे। बुधवार को उन्होंने पुराने छात्र नेता एवं आंदोलनकारी युवा समाजसेवी सुशील गाबा को अपनी परेशानियों एवं चिंताओं से अवगत कराया। इस पर सुशील गाबा पूर्व नेता प्रतिपक्ष मोनू निषाद व पार्षद प्रतिनिधि सचिन मुंजाल एवं अन्य साथियों सहित गांधी पार्क पहुंचे, जहां उन्होंने इस पूरे मामले को विस्तारपूर्वक सुना।

आईडी को बंद करने की धमकी

स्विग्गी और जोमैटो के राइडरों ने जानकारी दी है कि इन कंपनियों द्वारा चंडीगढ़ और अन्य शहरों में 10 से 12 रुपए प्रति किलोमीटर का भुगतान किया जाता है, जबकि रुद्रपुर में उन्हें केवल 3 से 5 रुपए प्रति किलोमीटर का इंसेंटिव मिल रहा है। वर्तमान में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए प्रति लीटर से अधिक हैं। इसके अलावा, यदि कोई दुर्घटना होती है, तो उनका इलाज नहीं कराया जाता और केवल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के सहारे उन्हें भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है। अब जब सभी कर्मचारी आंदोलन की ओर बढ़ रहे हैं, तो दोनों कंपनियां उनके आईडी को बंद करने की धमकी दे रही हैं।

मांगे पूरी नहीं होने पर होगा बड़ा आंदोलन

सुशील गाबा ने इन सबकी बात को सुनने के बाद कहा कि ये कंपनियां स्थानीय लोगों से ऑर्डर लेकर अपना करोड़ों का राजस्व कमाती हैं और स्थानीय युवाओं को ही परेशान कर रही हैं। उनको न केवल बहुत कम दरों पर इंसेंटिव दिया जा रहा है, बल्कि कोई भी एक्सीडेंट होने पर भी पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। श्रम विभाग को भी यह देखना चाहिए कि बिना इएसआई और पीएफ आदि के नियमों के पालन के बिना कैसे ये कंपनियां उत्तराखंड में चल रही हैं। यदि 3 दिन के भीतर कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। यदि कंपनियों द्वारा एक भी युवा की आईडी बंद की गई तो प्रत्येक होटल व रेस्टोरेंट में जाकर हम उनके मालिकों से अपील करेंगे कि अपने होटलों से इन दोनों को फूड ऑर्डर की डिलीवरी देना बंद कर दें। इस दौरान शेखर, विजय, सौरभ, सुखविंदर सिंह, अरुण, मुनेंद्र, समर, अनुराग, धर्मेंद्र, मनजीत सिंह सहित सैकड़ों स्विग्गी और जोमेटो कर्मचारी मौजूद थे।


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