रुद्रप्रयाग: केदार चली महादेव की पंचमुखी चल विग्रह डोली, 2 मई से भक्तों को दर्शन देंगे भोलेनाथ
आज बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से अपने धाम के लिए रवाना हो गई, जिसमें हजारों की संख्या में बाबा के भक्त शामिल थे। आज केदारनाथ बाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्ताकाशी में विश्राम करेगी।
Apr 28 2025 5:31PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
केदारनाथ बाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज उनके पवित्र धाम केदारनाथ के लिए रवाना हो गई है। 2 मई को सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर भगवान केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर (ऊखीमठ) से भगवान केदारनाथ की डोली ने केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान कर दिया है।
Baba Kedar Doli Leaves From Omkareshwar Temple
बाबा केदार के भक्तों के लिए आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसके लिए वो पिछले छह माह ब्रेसबी से इंतजार कर रहे थे। बाबा केदार की डोली धाम के लिए प्रस्थान कर चुकी हैं इससे पूर्व संध्या पर ओंकारेश्वर मंदिर स्थित भैंरवनाथ मंदिर में भैंरवनाथ की विशेष पूजा अर्चना संपन्न हुई।
केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान
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आज सोमवार सुबह पूजा अर्चना के बाद डोली को मंदिर के गर्भ गृह से बाहर सभा मंडप में विराजमान किया गया और भगवान की चल उत्सव विग्रह डोली का श्रृंगार किया गया। इसके बाद मंदिर की तीन परिक्रमा कर डोली अपने अगले गंतव्य की ओर प्रस्थान किया।
आज गुप्तकाशी में होगा रात्रि प्रवास
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ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से केदारनाथ के लिए आज रवाना हो गई है। आज बाबा केदार की पैदल डोली यात्रा अपने पहले रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी विश्वनाथ मंदिर में पहुँच गई है।
2 मई को खुलेंगे कपाट
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केदारनाथ बाबा की डोली यात्रा कल 29 अप्रैल को गुप्तकाशी से फाटा पहुंचेगी। 30 अप्रैल को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करेगी और फिर 1 मई को डोली केदारनाथ पहुंचेगी। उसके बाद 2 मई को सुबह 7 बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट शुभ लग्न पर भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।
शुरू हुए ऑफलाइन पंजीकरण
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केदारबाबा की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के साथ सैकड़ों भक्त केदानाथ धाम की पैदल यात्रा करने के लिए निकल चुके हैं. डोली यात्रा के साथ बड़ी संख्या में भक्तों और आर्मी का बैंड डोली यात्रा की अगुवाई कर रहा है। आज से चारधाम यात्रा के ऑफलाइन पंजीकरण भी हो चुके हैं। अलग-अलग यात्रा पड़ावों पर काउंटर लगाए गए हैं।