उत्तराखंड: चाकू की नोक पर उस्मान ने की दरिंदगी, 10 दिन तड़पती रही बच्ची.. डॉक्टरों ने भी नहीं किया इलाज
आरोपी ने गैराज में खड़ी कार में बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बच्ची ने जब विरोध किया तो, आरोपी ने चाकू दिखाते हुए उसके मुंह पर कपड़ा बांध दिया।
May 3 2025 4:19PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
नैनीताल में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के बाद लोग आक्रोश में है। दरिंदगी का शिकार हुई बच्ची 10 दिन तक बिना किसी को बताए दर्द से तड़पती रही। मां उसे जब अस्पताल ले गई तो वहां भी डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया। दर्द के कारण बच्ची की ऐसी हालत हो गई कि ना वो बैठ पा रही थी और ना ही चल पा रही थी।
12 year old girl raped in Nainital
पीड़िता की मां ने तहरीर में बताया कि उसकी दो बेटियां हैं, जिनमें से एक कक्षा सात और एक आठ में पढ़ती हैं। उनकी बेटियां 12 अप्रैल को घर पर अकेली थी, इस दौरान उनकी छोटी बेटी शाम को बाजार से सामान खरीदने गई थी। तभी रुकुट कंपाउंड निवासी 72 साल के बुजुर्ग ठेकेदार उस्मान ने बच्ची को 200 रुपये का लालच दिया और अपने साथ ले गया। आरोपी ने गैराज में खड़ी कार में बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। बच्ची ने जब विरोध किया तो, आरोपी ने चाकू दिखाते हुए उसके मुंह पर कपड़ा बांध दिया। आरोपी ने बच्ची को धमकी दी कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को भी बताया तो वो उसके पूरे परिवार को खत्म कर देगा।
कई दिनों तक तड़पती रही मासूम
इस घटना के बाद बच्ची जब घर आई तो उसकी हालत बहुत गंभीर हो गई थी। बड़ी बहन ने कारण पूछा लेकिन वो कुछ नहीं बोली। असहनीय दर्द के कारण वो ठीक से चल और बैठ भी नहीं पा रही थी। कुछ दिन तक वह गुमसुम रहने लगी तो बड़ी बेटी ने पहले नानी को गांव से बुलाया। नानी के कई बार पूछने पर भी उसने कुछ नहीं बताया। इस बीच दोनों बहनों ने स्कूल जाना भी बंद कर दिया। उन्होंने 16 अप्रैल को नानी को स्कूल भेजा और अपनी टीसी कटवा दी। छोटी बहन की हालत को देखते हुए बड़ी बहन ने मां को फोन कर संभल (उतरप्रदेश) से वापस बुलाया।
डॉक्टर से इलाज करने से मना किया
इस हादसे के 11वें दिन यानि 23 अप्रैल को पीड़िता की मां उतरप्रदेश से नैनीताल पहुंची। माँ के आने के दो दिन बाद तक भी मासूम आपनी आपबीती नहीं बता पाई। बच्ची की हालत को दिन प्रतिदिन बिगड़ता देख 25 अप्रैल को उसकी मां उसे हल्द्वानी के महिला अस्पताल में ले गई। अस्पताल में ओपीडी का पर्चा भी बनाया गया, लेकिन जब चिकित्सक ने बच्ची की हालात देखी, तो उन्होंने कहा कि पहले पुलिस के पास जाओ उसके बाद ही इलाज हो पाएगा। ऐसे में मां को अपनी बेटी को बिना इलाज कराए ही घर लौटना पड़ा।
विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज
इसके बाद पीड़िता और उसकी माँ एक महिला के साथ समाजसेवी के पास गए। समाजसेवी और अपनी मां के पूछने पर बच्ची ने पूरी घटना बताई और मां से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगी। इस बाद समाजसेवी ने बच्ची की हरसंभव मदद की, पीड़िता की माँ ने इस मामले में तहरीर पुलिस में भी देदी। पीड़ित बच्ची का अब इलाज चल रहा है लेकिन अब भी उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। पीड़िता के परिवार को पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा में रखा है। वहीं पीड़िता की माँ द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर आरोपी ठेकेदार उस्मान के खिलाफ दुष्कर्म और आपराधिक धमकी की धाराएं 65(1) व 351 (2) और पॉक्सो एक्ट की धारा तीन और चार के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
दोनों बच्चियों की शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी
जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि यदि बच्ची के उपचार में कोई लापरवाही हुई है, तो ओपीडी पर्चे के आधार पर संबंधित डॉक्टर की पहचान की जाएगी। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्पॉन्सरशिप योजना के तहत बालिका को हर महीने चार हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, दुष्कर्म पीड़ित को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा भी वित्तीय सहायता दी जाएगी। समाज कल्याण विभाग की योजना के तहत परिवार को आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ित परिवार से बातचीत की और कहा कि सरकार दोनों बच्चियों की शिक्षा का खर्च उठाएगी। इसके अलावा, परिवार की सहायता के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।