पहाड़ में एसिड कांड..दरिंदे ने अपने परिवार पर फेंका तेजाब, मासूम बच्ची को भी नहीं बख्शा
सवाल ये है कि आखिर पहाड़ में ये क्या हो रहा है ? क्या देवभूमि में रिश्तों के मायने ही खत्म हो रहे हैं ? ये एसिड कांड की ये खबर आपको हैरान होने पर मजबूर कर देगी।
Sep 11 2018 2:23PM, Writer:कपिल
ना तो आंखों पर भरोसा होता है और ना ही दिल इस बात पर यकीन करता है..लेकिन ये दुर्भाग्य है और ये ही सच है कि देवभूमि में रिश्तों की अहमियत खत्म होती जा रही है। शराब का नशा सिर पर ऐसा सवार हो गया कि छोटे भाई ने अपने बड़े भाई के परिवार को ही खत्म करने की ठान ली। फिर इस रिश्ते को ऐसी आग लगी कि 7 लोग झुलस गए। कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ में बसे खूबसूरत से कस्बे अल्मोड़ा में ये वारदात हुई है। अल्मोड़ा के दशाऊं में एक अधेड़ व्यक्ति ने शराब के नशे धुत होकर अपने बड़े भाई और उसके परिवार पर तेजाब से हमला कर दिया। हैरानी की बात तो ये है कि अल्मोड़ा में एसिड अटैक की इस तरह की ये पहली घटना है। घटना में भाई समेत परिवार के सात लोग बुरी तरह से झुलस गए। इन घायलों में दो बच्चे भी शामिल है और परिवार की ही दो बहुएं भी शामिल हैं।
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बताया जा रहा है कि एक महिला 70 फीसदी तक जली है और दूसरी 55 प्रतिशत तक झुलसीं हैं। क्या आप जानते हैं कि आखिर ये सब क्यों हुआ ? परिवार में एक झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसने जानलेवा रूप ले लिया। छोटे भाई ने बड़े भाई और उसके परिजनों पर तेजाब से हमला कर दिया। ये ही नहीं बाद में खुद पर भी तेजाब छिड़क दिया। जिसने भी ये नज़ारा देखा वो दंग रह गा। शाम के लगभग 6 बजे गांव दसौं निवासी रघुनाथ सिंह का अपने बड़े भाई शेर सिंह से मामूली सी बात पर झगड़ हुआ। इसी दौरान अचानक रघुनाथ सिंह ने तेजाब से भरा गैलेन उठाया और भाई पर उड़ेलने लगा। बीच-बचाव में शेर सिंह की पत्नी मोहिनी देवी आई तो उन पर भी रघुनाथ ने तेजाब से हमला किया। परिवार के ही बाकी सदस्य भी बीच बचाव करने आए तो उन पर ही रघुनाथ ने तेजाब छिड़क दिया।
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जया देवी, नीमा देवी 15 साल की किरन, 8 साल का हरीश और 5 साल की बेटी चांदनी को भी उसने नहीं बख्शा। जया देवी और नीमा देवी को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल के लिए रेफर किया गया है। सवाल ये भी है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद भी रघुनाथ सिंह के घर में एसिड कहां से आया ? सुप्रीम कोर्ट ने तेजाब की बिक्री पर सख्त पाबंदी लगाई हुई है, ऐसे में रघुनाथ सिंह के पास तेजाब से भरा गैलेन होना भी संदिग्ध है। परिवार के बीच हुए एक मामूली से झगड़े ने इतना भयानक रूप ले लिया कि सात लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। अल्मोड़ा में पहली बार ऐसी वारदात देखने को मिली है। सवाल ये है कि क्या पहाड़ में रिश्तों के कोई मायने नहीं रह गए ? भाई ही भाई का खून करने पर उतारू हो गया है...आखिर ऐसा क्यों ?