उत्तराखंड में फेसबुक, व्हॉट्सऐप यूजर्स सावधान..अब झूठ फैलाया तो कड़ी सज़ा मिलेगी
उत्तराखंड में सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने और मॉब लिंचिंग करने पर अब सज़ा मिलेगी। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स सावधान हो जाएं।
Oct 4 2018 4:50AM, Writer:रश्मि पुनेठा
मॉब लिंचिंग का मतलब जानते हैं आप ? सोशल मीडिया पर बिना सोचे समझे हिंसा फैलाना, अफवाह फैलाकर भीड़ द्वारा किसी की हत्या कर लेना, हिंसा को उकसाने वाले संदेश वायरल करना..ये मॉब लिंचिंग ही है। हाल ही में उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। अगस्त्यमुनि, उत्तरकाशी और ना जाने कितनी जगह झूठी अफवाहों के चलते हिंसा को बढ़ावा दिया गया। लोग सोशल मीडिया पर कुछ भी वायरल कर देते हैं और उससे पहले एक बार भी नहीं सोचते। वो ये भी नहीं सोचते कि जैसा वो कर रहे हैं, उससे समाज में नफरत फैल रही है। अब उत्तराखंड पुलिस ने मॉब लिंचिंग को लेकर निर्देश जारी किया है। उत्तराखंड पुलिस ने उन लोगों को हिदायत देते हुए कहा कि अगर कोई भी शख्स या लोगों का समूह ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ तुरंत ही सख्त कार्रवाई होगी।
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अगर किसी ने सामूहिक हिंसा को उकसाने वाले संदेश या फिर वीडियो को फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर या किसी भी सोशल साइट पर अपलोड किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही पुलिस ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर कोई भी किसी भी तरह से सामूहिक हिंसा यानी मॉब लिंचिंग में शामिल होता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए कोई योजना बनाता है, तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। सर्वोच्च अदालत के निर्देश के बाद भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए उत्तराखंड के हर जिले में सरकार नोडल अधिकारी की तैनाती कर रही है । अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के साथ खुफिया तंत्र को भी मजबूत किया जा रहा है। प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्द्धन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए सरकार कड़े इंतजाम कर रही है।
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इसके लिए पुलिस, जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में जीवन के अधिकार को मूल अधिकारों की श्रेणी में रखा गया है। भीड़ द्वारा हमला करना, किसी को पीट पीट कर मार डालना व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन के मौलिक अधिकार पर वीभत्स हमला है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर किसी व्यक्ति से कोई अपराध हुआ भी है है तो उसे सजा देने का हक सिर्फ कानून को है, न कि भीड़ को । भीड़ हिंसा में शामिल लोगों से सरकार सख्ती से निपटेगी और ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी । साथ ही उन्होंने लोगों से कानून अपने हाथ में ना लेने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस की सोशल मीडिया पर भी पूरी नजर है। इसलिए आप भी सावधान रहें।
#सामूहिक_भीड़_हिंसा_व_Lynching_पर_उत्तराखण्ड_पुलिस_सख्त
जो व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह, सामूहिक हिंसा को उकसाने वाले...
Posted by Uttarakhand Police on Sunday, September 30, 2018