देहरादून में पढ़ने वाला शोएब आतंकी बना? हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने का शक!
देहरादून के प्रेमनगर के एक इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्र ने अब बंदूक का दामन थाम लिया है? खबर है कि वो आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो गया है।
Oct 9 2018 12:26PM, Writer:मोहित रावत
देहरादून के लिहाज से इस खबर देखें तो बेहद ही चौंकाने वाली है। एक छात्र के आतंकी गुट में शामिल होने की खबर ने सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है। इससे हैरान करने वाली बात ये बताई जा रही है कि उसका पिता भी कश्मीर के दहशतगर्दों में शामिल था। खास बात ये भी बताई जा रही है कि शोएब आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने के बाद एक बार फिर से देहरादून आया था। देहरादून के प्रेमनगर के एक इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले कश्मीरी मूल के छात्र के बारे में चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों को शोएब का आतंकी संगठन में शामिल होने का शक गहरा है। एक वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शोएब बीती 19 सितंबर को भी देहरादून आया था। अगले ही दिन वो अपनी हीमारी का बहाना बनाकर वापस चला गया था।
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बीएससी आइटी सेकंड ईयर के फाइनल एग्जाम देने के बाद जून में ही शोएब देहरादून से अपने घर कुलगाम गया था। इसके बाद उसे थर्ड ईयर की पढ़ाई के लिए आना था लेकिन वो नहीं आया। कॉलेज प्रशासन द्वारा शोएब के घर पर संपर्क किया गया लेकिन वो आया नहीं। बाद में हैरान कर देने वाली जानकारी मिली कि शोएब घर ही नहीं गया था। इसके बाद माता-पिता ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद कश्मीर पुलिस जानकारी जुटाने के लिए देहरादून पहुंची तो सभी के कान खड़े हो गए। इनपुट्स मिले कि शोएब आतंकी संगठन में शामिल हो गया है। शोएब प्रेमनगर में ही एक मकान में किराए पर रहता था। मकान मालिक और पड़ोस के लोगों के मुताबिक वो लोगों से बेहद कम बात करता था। सिर्फ बाइस साल की उम्र में आतंक की राह चुनने वाले शोएब का पढ़ाई में अच्छा रिकॉर्ड है।
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शोएब हाईस्कूल में फर्स्ट डिविज़न से पास हुआ था और इंटर में उसके करीब प्रतिशत अंक थे। थोड़े प्रयासों के बाद शोएब को बीएसटी आइटी में दाखिला मिल गया। खबर है कि 20 सितंबर को उसने हिजबुल की सदस्यता हासिल कर ली। जानकारी सामने आने के बाद से खुफिया एजेंसियों के होश उड़े हैं। ये पता लगाया जा रहा है कि आतंकी संगठन में शामिल बोने से पहले शोएब का देहरादून आने का राज़ क्या था ? बताया जा रहा है कि 22 सितंबर को उसकी मां ने बेटे को वापस लाने के लिए कुलगाम में सेना के बड़े अधिकारियों से बात की। सवाल ये है कि कहीं शोएब देहरादून के बारे में आखिरी इनपुट जुटाने के उद्देश्य से तो नहीं आया था? सुरक्षा एजेंसियां शोएब का लगातार पता लगाना में जुटी हैं। देखना है कि इस मामले में और क्या क्या बातें निकलकर सामने आती हैं ?