image: Story of dehradun auto driver daughter poonam todi

देहरादून की पूनम..पिता ऑटो चलाते हैं लेकिन कभी हारी नहीं, PCS-J की टॉपर बनी

अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर देहरादून की उस बेटी की कहानी पढि़ए..जिसके पिता ऑटो चलाते हैं लेकिन उसने जज बनकर दिखाया।
Oct 11 2018 2:23PM, Writer:आदिशा

कहते हैं कि अगर रास्ते हैं तो मंजिलें हैं, मंजिलें हैं तो हौसला है, हौसला है तो विश्वास है और विश्वास है तो जीत है। जिंदगी में फाइटर बनना सीखिए, जी हमेशा आपको ही मिलेगी। एक बेटी ने भी कुछ ऐसी ही कहानी लिखी है। जिंदगी की हर लड़ाई को पार कर आज ये बेटी टॉपर बनी तो पूरा देश एक सुर में बोला कि बेटियां सच में किसी से भी कम नहीं हैं। देहरादून के नेहरू कॉलोनी की रहने वाली हैं पूनम टोडी। उनके नाम पीसीएस-J की परीक्षा में टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है। ये जवाब उन लोगों को जो सोचते हैं कि बेटियां बेटों से कमजोर होती हैं। वो कमजोर नहीं होती बल्कि ऐसे लोगों की सोच कमजोर होती है। पूनम टोडी के घर के हालात जानेंगे तो हैरान हो जाएंगे। देहरादून की पूनम के पिता का नाम अशोक टोडी है। अशोक टोडी पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं।

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अशोक टोडी दिन भर में ऑटो चलाकर 400 रुपये कमा पाते हैं। 400 रुपये में पत्नी, दो बेटियों और दो बेटों का पेट पालना होता है। आप खुद सोचिए कि इतनी से कमाई में किस तरह से अशोक टोडी ने घर चलाया होगा ? इस परिवार को देखकर क्या आप अभी भी असुविधाओं का रोना रोएंगे ? अशोक टोडी कभी हारे नहीं, उन्होंने अपने खर्च कम किए और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का प्रण लिया। अशोक कहते हैं कि बच्चे ही उनके जीवन की असल पूंजी हैं। पूनम ने उनका सिर फक्र से ऊंचा करने का काम किया है। पूनम की मां लता कहती हैं कि उन्हें पूनम पर गर्व है। पूनम ने उन लोगों को भी करारा जवाब दिया है, जो बच्चों पर पढ़ाई को बोझ डालते हैं। पूनम ने दसवीं क्लास एमकेपी से पास की थी। इस परीक्षा में उन्हें 54 फीसदी अंक मिले।

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इसके बाद बारहंवी में 61 फीसदी अंकों के साथ उन्होंने पास किया।इसके बाद डीएवी कॉलेज से उन्होंने यूजी, पीजी और फिर लॉ की पढ़ाई की। फिलहाल पूनम एसआरटी, बाहशाहीथौल से एलएलएम कर रही हैं। पूनम ने पीसीएस को अपना लक्ष्य बनाया। वो कहती हैं कि ये उनका तीसरा अटेम्प्ट था। इससे पहले भी वो दो बार इंटरव्यू तक पहुंच चुकी हैं लेकिन असफल रहीं। इन असफलताओं से वो हारी नहीं। परिवार के सभी लोगों ने अपने खर्च में कटौती की और बस ये ही दुआ की थी कि पूनम जज बन जाए। आज पूनम देश की हर बेटी के लिए प्रेरणा बन गई हैं।





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