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निकाय चुनाव: उत्तराखंड में वोट मांगने आएंगे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया भी देंगे साथ

उत्तराखंड निकाय चुनाव का रण और भी ज्यादा दिलचस्प होने जा रहा है। दरअसल इस बार अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी वोट मांगने के लिए देहरादून आने वाले हैं।
Oct 29 2018 10:27AM, Writer:कपिल

उत्तराखंड में निकाय चुनाव का रण और भी ज्यादा दिलचस्प होने जा रहा है। दरअसल इस बार आम आदमी पार्टी पहली बार उत्तराखंड के निकाय चुनावों से अपनी किस्मत आजमा रही है। देहरादून से रजनी रावत को AAP का मेयर पद का उम्मीदवार तय किया गया है। ऐसे में पार्टी अपनी तरफ से भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। खबर है कि पार्टी संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल खुद इस बार देहरादून की जनता के बीच वोट मांगने आएंगे। केजरीवाल के अलावा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कई मंत्री भी निकाय चुनाव में देहरादून से मेयर पद की प्रत्याशी रजनी रावत के लिए वोट मांगेंगे। इसे लेकर सभी नेताओं ने अपनी तरफ से देहरादून आने को लेकर सहमति भी जता दी है। रजनी रावत के अलावा 27 वार्डों में भी आम आदमी पार्टी की तरफ से प्रत्याशी उतारे गए हैं।

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राजनीतिक पंडितों के मुताबिक इस निकाय चुनाव के बहाने आम आदमी पार्टी आने वाले लोकसभा चुनावों को साध रही है। लोकसभा चुनावों के लिए AAP उत्तराखंड में अपने संगठन को मजबूत करना चाहती है। खासतौर पर आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा को स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी तय की गई है। यूं तो उत्तराखंड की सत्ता पर आम आदमी पार्टी की काफी वक्त से तेज़ निगाहें थी लेकिन ऐन वक्त पर बड़ा दांव खेलकर इस पार्टी ने भी साबित कर दिया है कि इस बिसात के चौकस खिलाड़ियों में वो भी कम नहीं। रजनी रावत वो मोहरा हैं, जो कांग्रेस और बीजेपी के समीकरण बिगाड़ सकती हैं। ये हम नहीं कह रहे बल्कि बीते दो बार के नगर निगम चुनाव बताते हैं। साल 2008 और साल 2013 के नगर निगम चुनावों में रजनी रावत ने अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई। आइए ज़रा आंकड़ों पर नज़र डालते हैं।

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साल 2008 के निगम चुनावों में बीजेपी कैंडिडेट विनोद चमोली के खाते में 60867 वोट पड़े थे। दूसरे नंबर पर किन्नर रजनी रावत रही थीं, जिन्हें 44294 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी सूरत सिंह नेगी थे, जिन्हें सिर्फ 40643 वोटों से संतोष करना पड़ा था। साल 2013 में कहानी एक बार फिर से बदली। बीजेपी से मेयर पद के प्रत्याशी विनोद चमोली को 80530 वोट पड़े। कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना को 57618 वोट मिले और रजनी रावत 47589 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर थी। कहानी ये कहती है कि जब जब रजनी रावत ने चुनाव मैदान में कदम रखा तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस और बीजेपी को उठाना पड़ा है। इतना साफ है कि इस बार फिर से रजनी रावत एक बड़ी चुनौती पेश करने जा रही हैं। इस बार वो आम आदमी पार्टी के तमगे के साथ मैदान में उतरी हैं।


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