आज पहाड़ के गीतों पर झूमेगा दिल्ली-NCR, उत्तराखंड महोत्सव में आप भी चले आइए
अगर आप दिल्ली-एनसीआर में हैं और उत्तराखंड को याद करते हैं तो तैयार हो जाइए, आज शाम 6 बजे से इंदिरापुरम में उत्तराखंड से जुड़ा एक रंगारंग कार्यक्रम होने जा रहा है।
Nov 17 2018 10:18AM, Writer:आदिशा
मिट्टी की खुशबू को आखिर कोई कैसे भुला सकता है? आज भले ही लाखों लोग पहाड़ छोड़कर शहरों में बस गए हैं लेकिन खुशी तब होती है, जब वो उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा को शहरों में भी जीवित रखते हैं। इसी का एक नायाब उदाहरण है उत्तराखंड महोत्सव। देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में अगर आप रह रहे हैं तो आज का दिन आपके लिए बेहद खास होने जा रहा है। अमित सागर, हेमा नेगी करासी, हेमा ध्यानी, प्रकाश काला और कौशल पांडे जैसे कलाकार आपको अपनी धुन पर थिरकाने वाले हैं। बीते 15 सालों से इंदिरापुरम में उत्तराखंड महोत्सव का आयोजन होता रहा है और हर बार इसे और ज्यादा बेहतर बनाने की कोशिश की गई है। राज्य समीक्षा की टीम जब इस आयोजन को करवाने वाले लोगों से मिली तो ये जानकर बेहद खुशी हुई कि शहरों में रहने के बावजूद भी ये लोग उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और खुशबू को जीवित रखे हुए हैं।
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उत्तराखंड महोत्सव सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले अनगिनत उत्तराखंडियों के लिए एक सौगात की तरह है। अगर आप भी इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं और अपने लोगों के बीच अपनी संस्कृति से रू-ब-रू होना चाहते हैं तो इंदिरापुरम के शिप्रा सन सिटी चले आइए। यहां सेंट्रल पार्क में आयोजन की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। मंच और आयोजन स्थल एक विशाल मैदान में आयोजित करवाया जा रहा है। इस आयोजन के अध्यक्ष हैं कनक पांडे। इसके अलावा चंद्रमोहन चौहान एक लंबे वक्त से इस आयोजन में महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। गिरीश रौथाण और सीएस रावत महासचिव हैं। इसके अलावा मन्नु रावत, जितेंद्र सजवाण, राकेश रावत, नरेन्द्र नेगी, महेश कन्याल, दिनेश अधिकारी, सुधीर सुंदरियाल, प्रवीण सुंदरियाल, डीके शर्मा, ज्ञान सिंह रावत, के एन कंडवाल और काफी लोगों की टीम हर साल इस आयोजन को सफल बनाती है।
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खास बात ये है कि हाल ही में चैता की चैत्वाल गीत के जरिए देश और दुनिया को झूमने प मजबूर कर देने वाले अमित सागर यहां आ रहे हैं। पहाड़ के गीतों के जरिए सभी को मदमस्त कर देने वाली हेमा नेगी करासी भी यहां मौजूद रहेंगी। इस उत्तराखंडी रंग में और भी ज्यादा समा बांधने के लिए हेमा ध्यानी, प्रकाश काला और कौशल पांडे जैसे कलाकार आपके सामने मौजूद होंगे। आज नौकरी और रोजी रोटी की तलाश में हम सभी उत्तराखंड को छोड़कर शहरों में बसने आए है लेकिन देवभूमि और पहाड़ों की यादें हमारे दिलों में बसी है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम उन यादों को एक बार फिर से जी सकते हैं। इसलिए थोड़ा सा भी वक्त है तो आप भी इंदिरापुरम चले आइए। अपने लोगों और अपने विशाल परिवार से मिलने में हर किसी को अच्छा लगता है। जय उत्तराखंड, जय देवभूमि।