उत्तराखंड की इस तितली के नाम दर्ज हुआ बड़ा रिकॉर्ड, वैज्ञानिकों में खुशी की लहर!
बेमिसाल खुबसूरती और जैव विविधताओं से भरपूर उत्तराखंड़ ने अपने नाम एक उपलब्धि और जोड़ ली है।
Nov 18 2018 6:09AM, Writer:रश्मि पुनेठा
ट्रौइडैस अयकुस..ये नाम एक खास तरह की तितली का है जो उत्तराखंड में पाई जाती है। और इससे भी खास बात है कि यह भारत की सबसे बड़ी तितली का खिताब अपने नाम किया है। इस साल जून में डीडीहाट में इस अनोखी तितली की खोज की गई है। इसके साथ ही ट्रौइडैस अयकुस ने 1932 से अब तक देश की सबसे बड़ी तितली का खिताब अपने पास रखने वाली ट्रौइडेस मिनौस का रिकार्ड तोड़ दिया है। ट्रौइडैस अयकुस तितली की लंबाई 194 मिमी मापी गई है। जैव विविधताओं से भरपूर उत्तराखंड की यह तितली गोल्डन बर्ड विंग के नाम से भी जानी जाती है। इसके साथ ही देशभर के जीव वैज्ञानिकों में खुशी की लहर है। बटर फ्लाई शोध संस्थान के निदेशक पीटर स्मैटाचैक के मुताबिक अब तक देश की सबसे बड़ी तितली का खिताब ट्रौइड्रेस मिनौस को था।
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ट्रौइड्रेस मिनौस गोवा से केरल तक पाई जाती है। उस समय तितली की लंबाई 140 से 190 मिलीमीटर तक मापी गई थी। यह रिकॉर्ड 'आयडेंटिफिकेशन आफ इंडियन बटरफ्लाई' नामक पुस्तक से लिया गया था। हालांकि मौजूदा वक्त में इस तितली के अवशेष के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वही पीटर बताते हैं कि गोल्डन बर्ड विंग नाम की जिस तितली शिनाख्त हुई है वह शोध संस्थान में मौजूद है। यह अब तक भारत की सबसे बड़ी तितली है। तितली की यह प्रजाति गढ़वाल से उत्तर पूर्व राज्य और ताइवान चीन आदि में भी पाई जाती है। गोल्डन विंग यह तितली मई जून से अगस्त तक पाई जाती है। फिलहाल ट्रौइडैस अयकुस की खोज से तमाम वैज्ञानिकों में खुशी की लहर है।
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गोल्डन बर्ड विंग की खोज के बाद इस तिलती का बारे में अधिक जानकारी देते हुए निदेशक बटर फ्लाई शोध संस्थान पीटर स्मैटाचैक ने बताया कि जून में डीडीहाट में पकड़ी गई इस तितली की लंबाई 194 मिलीमीटर है जो कि अब तक पाई गई तितली से चार मिली मीटर अधिक है। इसकी लंबाई की बात करे तो यह भारत की सबसे बड़ी तितली है। इससे पहले इसी तितली की लंबाई 170 मिली मीटर तक मापी गई थी। तितली संबधी सभी दस्तावेज लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड को भी भेजे जा रहे हैं। ताकि गोल्डन बर्ड विंग के सुनहरे नाम से उत्तराखंड के नाम यह ख्याति दर्ज हो सके।