image: heritage of Tilu Routeli and Madho Singh Bhandari to preserve in uttarakhand

तीलू रौतेली और माधो सिंह भंडारी से जुड़ी धरोहरों का संरक्षण करेगा पुरातत्व विभाग

उत्तराखंड देवभूमि है... यहाँ के कण-कण में इतिहास बिखरा हुआ है.. राज्य के अनेक ऐतिहासिक स्थान पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित हैं, उनके रखरखाव का बजट बढ़ाने की भी आवश्यकता है, ये अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया गया है...पढ़िए..
Dec 19 2018 2:34PM, Writer:कपिल

राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख श्री अनिल बलूनी जी ने उत्तराखंड की दो विभूतियों वीरांगना तीलू रौतेली और वीर माधो सिंह भंडारी से जुड़े स्मारकों को पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किये जाने के संबंध में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्व. प्रभार) महेश शर्मा से भेंट की। पर्यटन राज्य मंत्री ने बलूनी के अनुरोध को स्वीकार कर विभागीय सचिव को अग्रिम कार्रवाई हेतु निर्देशित किया। अनिल बलूनी ने कहा कि उपरोक्त दोनों विभूतियाँ उत्तराखंड की संस्कृति, इतिहास, गौरव और स्मृतियों की महत्वपूर्ण विरासत हैं। बलूनी ने कहा अब उपरोक्त दोनों विभूतियों से जुड़ी धरोहरों को पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किया जायेगा, जो कि राज्य के लिए बड़ी सौगात है। पौड़ी गढ़वाल के ईड़ा गाँव, गुराड़ तल्ला और चौन्दकोटगढ़ आदि तीन स्थानों पर उनसे स्मृतियों के भवन और अन्य निर्माण जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, उन्हें संरक्षित किया जायेगा। तीलू रौतेली जैसी प्रेरक विभूति और अदम्य साहसी वीरांगना से जुड़े स्मारकों का संरक्षण उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत को सहेजना है।

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सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि माधो सिंह उत्तराखंड की वीर गाथाओं के अग्रणी नायक है। उनके शौर्य, पराक्रम के गीत पर्वतीय अंचलों के रीति रिवाज़ों, त्योहारों और उत्सवों के अभिन्न अंग है। अपने इकलौते पुत्र की बलि देकर चंद्रभागा नदी का पानी सुरंग के माध्यम से मलेथा गाँव (टिहरी गढ़वाल) की उसर भूमि को उपजाऊ बनाया। आज भी माधो सिंह भंडारी द्वारा निर्मित नहर उस क्षेत्र को धन-धान्य से परिपूर्ण करती है। अनिल बलूनी केंद्रीय मंत्री श्री महेश शर्मा जी का आभार जताते हुए कहा.. कि उनके इस निर्णय से ये स्थान पर्यटन के मानचित्र पर उभरेंगे। राज्य में आने वाले पर्यटक हमारी प्रेरक विभूतियों और उनकी वीरगाथाओं से परिचित हो सकेंगे। उत्तराखंड देवभूमि है। यहाँ के कण-कण में इतिहास बिखरा हुआ है। राज्य के अनेक ऐतिहासिक स्थान पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित हैं, उनके रखरखाव का बजट बढ़ाने की भी आवश्यकता है। बलूनी ने कहा कि ये अनुरोध पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा से किया गया है। जिसे राज्य मंत्री द्वारा स्वीकार कर दिया गया है।

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