देहरादून की गरिमा...सपना पूरा करने के लिए छोड़ी नौकरी, अब कई महिलाओं को दिया रोजगार
कहते हैं कि पहले काबिल बनिए, कामयाबी खुद ब खुद आपके कदम चूमेगी...ऐसी ही कहानी है देहरादून की गरिमा की।
Jan 5 2019 5:01AM, Writer:कोमल नेगी
राज्य समीक्षा की हमेशा कोशिश रही है कि आप तक सच्ची और अच्छी खबरें पहुंचाई जाएं। आज एक ऐसी ही खबर देहरादून की उस लड़की है, जिसने अपना सपना पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी और आज कई महिलाओं को अपने साथ जोड़कर रोजगार दे रही हैं। हम बात कर रहे हैं देहरादून की रहने वाली गरिमा की। गरिमा ने एमबीए किया है, वो चाहती तों लाखों के पैकेज वाली नौकरी कर सकती थीं, लेकिन इस परंपरागत सोच से अलग हटकर उन्होंने खुद का बिजनेस करने का फैसला लिया। आज गरिमा सफल हैं और साथ ही अपनी कंपनी के माध्यम से दूसरी कई बेरोजगार महिलाओं को रोजगार देने में सक्षम भी। देहरादून की रहने वाली गरिमा गुप्ता ने अपने सपने को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी। बैंक से लोन लेकर अपनी कंपनी की शुरुआत की, शुरू में थोड़ी मुश्किलें भी आईं, लेकिन वक्त के साथ सब ठीक होता गया।
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आज गरिमा की एक कंपनी गाजियाबाद के मुरादनगर में है और उन्होंने देहरादून में भी अपनी कंपनी की शुरुआत कर दी है। गरिमा गुप्ता ने एमबीए किया है, लेकिन उन्हें नौकरी करना रास नहीं आया। अपना बिजनेस शुरू करने के लिए गरिमा ने नौकरी छोड़ दी और बैंक से लोन लेकर खुद की कंपनी शुरू की, जिसके जरिए वो महिलाओं को ईको फ्रेंडली बैग बनाने की ट्रेनिंग देती हैं। गरिमा के पिता की चार साल पहले मौत हो गई थी, लेकिन उन्होंने अपने दुखों को अपने सपनों पर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अपने पिता के नाम से कंपनी शुरू की। गरिमा महिलाओं को जूट और कैनवास के ईको फ्रेंडली बैग बनाना सिखाती हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से उनके पास इको फ्रेंडली बैग्स के लिए ऑर्डर आते हैं। महिलाएं इन बैग्स को ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर बेचकर आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं।