image: JOSHIMATH WOMEN GOOD STORY

पलायन से लड़ीं जोशीमठ की महिलाएं, अब सालाना कमाई 12 लाख..PM मोदी ने की तारीफ

जोशीमठ...इस घाटी की महिलाओं ने अपनी कोशिशों से बेरोजगारी और पलायन को आईना दिखाया है। खुद पीएम मोदी ने भी इनकी तारीफ की है।
Jan 15 2019 3:14AM, Writer:आदिशा

हाथ पर हाथ धरे बैठने से कुछ नहीं होता। हर बार किस्मत को कोसने से कुछ नहीं होता। उत्तराखंड पर पलायन और बेरोजगारी की मार पड़ी है, ये बात हर कोई जानता है। बेरोजगारी और पलायन को कैसे मात देनी है, ये कोई जोशीमठ की महिलाओं से सीखे। ये महिलाएं गुलाब की खेती कर स्वावलंबी बन रही हैं। एरोमेटिक फार्मिंग (सगंध पौध खेती) को अपना कर इन महिलाओं ने अपने आर्थिक हालात सुधारे हैं....और अब ये गुलाब की खेती कर सालाना 10 से 12 लाख रुपये तक कमा रही हैं। महिला किसानों द्वारा उगाए गुलाब के फूलों से तेल और इत्र तैयार होते हैं, जो कि दुनिया को महका रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन किसान महिलाओं के बनाए गुलाब तेल की तारीफ की है। इस वक्त जोशीमठ के एक दर्जन से ज्यादा गांवों की महिलाएं सगंध पौधा केंद्र की मदद से गुलाब की खेती कर रही हैं।

यह भी पढें - शहरों में बढ़ी पहाड़ के पारंपरिक गहनों की डिमांड, नथ और गुलोबंद का तो जवाब ही नहीं
गुलाब की खेती ने महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। इससे उनका जीवनस्तर सुधरा है, साथ ही उनका सम्मान भी बढ़ा है। इलाके की महिलाएं तेल, प्लांटिंग मटीरियल और गुलाब जल से सालाना लाखों रुपये कमा रही हैं। इस पहल की शुरुआत साल 2005 में हुई, जब सगंध पौधा केंद्र ने महिलाओं को बाउंड्री फसल के तौर पर गुलाब की खेती करने के लिए प्रेरित किया। देखते ही देखते परसारी, रैंणी, सलधार और मेरंग समेत दर्जनभर गांवों में गुलाब के फूल महकने लगे। केंद्र की ओर से क्षेत्र में 12 मिनी आसवन संयत्र निशुल्क मुहैया कराए गए हैं, जिनके जरिये महिला किसानों ने गुलाब के तेल का उत्पादन शुरू कर दिया है। जल्द ही सगंध पौधा केंद्र राज्य के दूसरे हिस्सों में भी ये प्रयोग शुरू करने जा रहा है, ताकि महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाया जा सके।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home