image: 12 stations will be on the 125 km long rail line between rishikesh-karnprayag

चार धाम रेल नेटवर्क: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक बनेंगे 12 रेलवे स्टेशन, फाइनल हुई लिस्ट

साल 2024 तक पहाड़ में ट्रेन चलने लगेगी, ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 12 रेलवे स्टेशन बनेंगे...
Sep 4 2019 12:40PM, Writer:कोमल नेगी

पहाड़ के लोग ट्रेन की छुक-छुक सुनने का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है ये इंतजार जल्द खत्म होगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम जारी है। साल 2024 तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। जिस पर कुल 12 रेलवे स्टेशन होंगे। हाल ही में रेल विकास निगम लिमिटेड यानि आरवीएनएल ने इन स्टेशनों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट को मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया था, जिस पर मंजूरी मिल गई है। रेलवे स्टेशन कहां-कहां बनेंगे, ये आप भी जानना चाहते होंगे, चलिए आपको ज्यादा इंतजार नहीं कराएंगे। जिन जगहों पर रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे उनमें न्यू ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, आक्सरी, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर, गौचर और कर्णप्रयाग शामिल हैं। ये पहाड़ी इलाके जल्द ही रेलसेवा से जुड़ जाएंगे। आगे जानिए चार धाम रेल नेटवर्क की कुछ खास बातें।

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आपके पहाड़ की रेलगाड़ी इन्हीं स्टेशनों से होते हुए आखिरी स्टेशन कर्णप्रयाग पहुंचेगी। स्टेशन के नामों की लिस्ट फाइनल हो गई है, अब बस बोर्ड लगने की तैयारी है। जल्द ही इन जगहों पर बोर्ड लगा दिए जाएंगे। जो रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में बनेगा, उसके नाम को लेकर विवाद हो रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन प्रोजेक्श शुरू होने के बाद इस स्टेशन का नाम न्यू ऋषिकेश प्रस्तावित हुआ था। निर्माणाधीन स्टेशन के सामने बोर्ड भी लगा दिया गया। पर न्यू ऋषिकेश नाम को लेकर निगम बोर्ड ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि इस रेलवे स्टेशन का नाम योग नगरी रखा जाए। ये प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास हो गया, जिसके बाद प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए शासन को भेज दिया गया। ऋषिकेश के नगर आयुक्त का कहना है कि शासन ने कहा है कि प्रस्तावित नाम को तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिख कर भेजा जाए। हमने ऐसा ही किया है, इस संबंध में आगे की कार्रवाई शासन करेगा। फिलहाल तो आरवीएनएल ने 12 स्टेशनों के नामों की घोषणा कर उत्तराखंड के लोगों को खुश होने का मौका दिया है। पहाड़ में ट्रेन पहुंचना लाखों लोगों के सपने का साकार होने जैसा है। गांव में ट्रेन आएगी तो संचार सेवाएं मजबूत होंगी। युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, गांव तरक्की करेंगे।


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