पर्वतीय अंचल में इगास पर्व की धूम, भैलो घुमाकर मनाई इगास
मान्यता है कि भगवान श्रीरामचंद्र के अयोध्या लौटने की सूचना पहाड़वासियों को 11 दिन बाद मिली थी, तब लोगों ने इसी दिन दिवाली मनाई थी...
Nov 8 2019 4:30PM, Writer:कोमल
प्रदेशभर में इगास पर्व की धूम है। पर्वतीय अंचलों में इगास पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। देहरादून में गढ़वाल महासभा ने इगास पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें लोगों ने भैलो घुमाकर एक-दूसरे को इगास पर्व की बधाई दी। समारोह में लोकगायक प्रीतम भरतवाण ने रंग जमा दिया। एक के बाद एक सुमधुर लोकगीतों की प्रस्तुति देकर उन्होंने श्रोताओं का मन मोह लिया। लोग देर रात तक लोकगीतों पर थिरकते रहे। गुरुवार की शाम से ही घरों की रसोई में पहाड़ी व्यंजन बनने लगे थे। कुल 16 प्रकार के पकवान बनाए गए, जिनका लोगों की खूब लुत्फ उठाया। गढ़वाल महासभा के कार्यक्रम में आए लोगों ने भैलो घुमाकर एक-दूसरे को इगास की बधाई दी। कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे मसूरी विधायक गणेश जोशी ने भी लोगों को शुभकामनाएं दीं
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राजपुर रोड स्थित स्कूल में भी इगास पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हिमालय परिवार विकास फाउंडेशन की तरफ से आयोजित भैलो बग्वाल कार्यक्रम में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में स्कूली छात्रों ने जौनसारी और गढ़वाली लोकगीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुति दी। आज प्रदेशभर में इगास पर्व मनाया जा रहा है। चलिए अब आपको पहाड़ के इस खास पर्व के पीछे छिपी कहानी बताते हैं। मान्यता है कि भगवान राम के अयोध्या लौटने की खबर पर्वतीय इलाकों में रहने वाले लोगों को 11 दिन बाद मिली थी। जिस दिन उन्हें ये खबर मिली, उसी दिन उन्होंने दिवाली मनाई। इसीलिए दिवाली के 11 दिन बाद पहाड़ में इगास पर्व मनाया जाता है। इगास के साथ ही मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत होती है। लोग अपने ईष्ट देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से आपको भी इगास पर्व की बधाई। पहाड़ के लोक त्योहार हमारी पहचान हैं, इस पहचान को बनाए रखने में मदद करें।