बदरीनाथ में खत्म हो जाएगी ये प्राचीन परंपरा? पुरोहितों ने दी चेतावनी
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि अगर श्राइन बोर्ड का गठन हुआ तो इस साल बसंत पंचमी को गाड़ू घड़ा बदरीनाथ ले जाने की परंपरा नहीं निभाई जाएगी...
Dec 4 2019 11:41AM, Writer:कोमल
उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों ने श्राइन बोर्ड गठन के फैसले के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के फैसले की निंदा की। अब तीर्थ पुरोहितों ने कहा है कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वो बसंत पंचमी के दिन गाड़ू घड़ा बदरीनाथ नहीं ले जाएंगे। तीर्थ पुरोहितों ने सचमुच ऐसा किया तो बदरीनाथ में निभाई जाने वाली प्राचीन परंपरा खत्म हो जाएगी। परंपरानुसार बसंत पंचमी के दिन ही बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है। इससे पहले पुरोहित गाड़ू घड़ा यानि तेल कलश लेकर टिहरी राजा के राजदरबार पहुंचते हैं, बाद में गाड़ू घड़ा यात्रा निकाली जाती है। पुरोहित गाड़ू घड़ा बदरीनाथ धाम लेकर जाते हैं। श्राइन बोर्ड के गठन के फैसले से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि अगर फैसला वापस ना लिया गया तो वो गाड़ू घड़ा बदरीनाथ नहीं ले जाएंगे। तीर्थ पुरोहितों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वो आने वाले यात्रा सीजन में यात्रा रूट पर कोई भी व्यावसायिक गतिविधि नहीं चलने देंगे
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देवभूमि तीर्थ पुरोहित, हक हकूकधारी महापंचायत के बैनर तले तीर्थ पुरोहितों का प्रदर्शन जारी है। महापंचायत की बैठक में पुरोहितों ने फैसला लिया कि अगर श्राइन बोर्ड गठन का फैसला वापस ना लिया गया तो इस साल बसंत पंचमी को गाड़ू घड़ा बदरीनाथ ले जाने की परंपरा नहीं निभाई जाएगी। किसी भी कीमत पर श्राइन बोर्ड का गठन नहीं होने दिया जाएगा। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के फैसले की निंदा की। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार श्राइन बोर्ड अधिनियम को विधानसभा में पारित करने से पहले चार धामों के अलावा 47 मंदिरों का प्रबंधन और संचालन करने वाली मंदिर समितियों से भी संवाद कायम नहीं कर रही, ये सही नहीं है। पुरोहितों ने फैसले के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की बात कही।