image: Neha selected for national children science congress

श्रीनगर गढ़वाल की नेहा बधाई दें, बेमिसाल काम के लिए राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस से आया बुलावा

सुदूरवर्ती द्वारी गांव में रहने वाली छात्रा नेहा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगी, कार्यक्रम का आयोजन तिरुअनंतपुरम में होगा..
Dec 10 2019 3:45PM, Writer:कोमल

खेल हो, अभिनय हो या फिर विज्ञान...ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां पहाड़ की बेटियां अपनी प्रतिभा का परचम नहीं लहरा रहीं। ये बेटियां उत्तराखंड का मान हैं, इन्हीं बेटियों में से एक हैं श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली नेहा, जिनकी वैज्ञानिक सोच का लोहा हर किसी ने माना। नेहा पहाड़ के पन्यारों, धारों और सोतों को बचाने की कोशिश में जुटी हैं। नेहा का चयन राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए हुआ है। तिरुअनंतपुरम में 27 दिसंबर से शुरू हो रही राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में छात्रा नेहा उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगी। श्रीनगर में बडियारगढ़ रोड के पास एक गांव है द्वारी, नेहा इसी गांव की रहने वाली हैं। वो मंजाकोट के सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। गांव में रहने वाली ये बेटी अच्छी तरह जानती है कि प्रदूषण और पारिस्थितिक असंतुलन से पहाड़ को कितना नुकसान हो रहा है। अपने प्रोजेक्ट में नेहा ने विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके पानी के धारे, पन्यारों को चिन्हित किया है। अब वो अपने प्रोजेक्ट के जरिए पूरे देश को बताएंगी की पहाड़ में पुराने जल स्त्रोत कैसे खत्म होते जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें - देहरादून के स्कूल में छात्र ने की खुदकुशी की कोशिश, मचा हड़कंप
नेहा को राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में हिस्सा लेने का मौका मिला है, पूरा क्षेत्र उनकी उपलब्धि से खुश है। स्कूल के शिक्षकों ने कहा कि नेहा होनहार होने के साथ ही मेहनती भी हैं। प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए नेहा ने बहुत मेहनत की। बीते 7 दिसंबर को नेहा ने प्रदेशस्तरीय विज्ञान कांग्रेस में चार्ट और प्रोजेक्ट रिपोर्ट के जरिए प्रभावी प्रजेंटेशन दिया था। जिसमें उन्होंने बताया कि धारों पन्यारों को बचाने के लिए स्थानीय समुदाय की सहभागिता बहुत जरूरी है। पहाड़ के जलस्त्रोतों को बचाने की जरूरत है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए नेहा ने खुद मौके पर जाकर अध्ययन किया। अब वो राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जरिए पूरे देश का ध्यान इस गंभीर समस्या की तरफ लाना चाहती हैं। नेहा कहती हैं कि हमें पुराने जलस्त्रोतों को बचाने की जरूरत है। इन्हें सहेजने के उपाय नहीं किए गए तो ये जल्द ही विलुप्त हो जाएंगे।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home