उत्तराखंड की ये बेटी सबसे कम उम्र की जज बनेगी ! कहानी आपको भी प्रेरणा देगी..
उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज परीक्षा-2018 में सफलता हासिल करने वाली अवंतिका ने एक और कीर्तिमान बनाया है, वो सबसे कम उम्र की जज बनने जा रही हैं...
Dec 24 2019 7:09PM, Writer:कोमल
सिविल सेवा और न्यायिक सेवा जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में सफल होना आसान नहीं होता। इस सफलता के पीछे अभ्यर्थियों की कड़ी मेहनत और सालों का संघर्ष छिपा होता है। इस बार उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज परीक्षा-2018 में पहाड़ के बेटों के साथ-साथ बेटियां भी टॉप पोजिशन हासिल करने में सफल रहीं। इन बेटियों की सफलता की कहानियां, दूसरे लोगों को भी आगे बढ़ने, कभी हार ना मानने के लिए प्रेरित करेंगी। पहाड़ की ऐसी ही होनहार बेटी हैं अवंतिका चौधरी, जो कि काशीपुर की रहने वाली हैं। उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज परीक्षा-2018 में सफलता हासिल करने वाली अवंतिका ने एक और कीर्तिमान बनाया है। वो सबसे कम उम्र की जज बनने जा रही हैं। पीसीएस-जे में सफल होकर घर लौटने वाली बिटिया अवंतिका का परिजनों ने जोरदार स्वागत किया। अवंतिका की सफलता कई मायनों में खास है। उन्होंने ये परीक्षा पहले प्रयास में पास की है।
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पिछले दिनों न्यायिक सेवा सिविल जज की परीक्षा 2018 के परिणाम घोषित किए गए थे। इन परिणामों में अपने पहले ही प्रयास में सफलता पाने वाली अवंतिका चौधरी सबसे कम उम्र की हैं। इस बार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिविजन परीक्षा-2018 में टॉप टू पोजिशन पर बेटियों का कब्जा रहा। जसमीत कौर ने परीक्षा में टॉप किया, वहीं रुचिका गोयल दूसरे स्थान पर रहीं। तीसरे स्थान पर कार्तिकेय जोशी रहे। चलिए अब आपको सबसे कम उम्र में जज बनने वाली अवंतिका के बारे में बताते हैं। अवंतिका का परिवार काशीपुर में रहता है। उन्होंने छावनी चिल्ड्रन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की है। अवंतिका ने कहा कि सभी को न्याय दिलाना उनके जीवन की पहली प्राथमिकता है, आगे भी वो इसी उद्देश्य के लिए काम करेंगी। अवंतिका ने अपनी सफलता का श्रेय परिवारवालों को दिया। उन्होंने कहा कि परिवार का साथ ना होता तो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर पाना उनके लिए संभव नहीं हो पाता। उन्होंने अपने सभी शुभचिंतकों को धन्यवाद दिया।