जय देवभूमि ! रिटायरमेंट से 1 दिन पहले देश के पहले CDS बने जनरल बिपिन रावत.. बधाई दीजिये
31 दिसंबर को आर्मी चीफ के रिटायरमेंट का दिन था, पर इसी दिन केंद्र सरकार ने उन्हें देश के पहले सीडीएस की जिम्मेदारी सौंप दी...
Dec 31 2019 10:56AM, Writer:कोमल
पूरा उत्तराखंड इस वक्त गर्व से, खुशी से झूम रहा है। इसकी एक खास वजह है। केंद्र ने पहाड़ के लाल पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें नई जिम्मेदारी दी है। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त कर दिया गया है। 31 दिसंबर को आर्मी चीफ के रिटायरमेंट का दिन था, पर इसी दिन केंद्र सरकार ने उन्हें देश के पहले सीडीएस की जिम्मेदारी सौंप दी। इससे पहले सीडीएस के लिए उम्र सीमा को बढ़ा कर 65 वर्ष किया गया। बाद में इस पद के लिए जनरल बिपिन रावत के नाम का ऐलान हुआ। सेना प्रमुख के पद रिटायर होने के एक दिन पहले केंद्र सरकार ने जनरल रावत को सीडीएस बनाने की घोषणा कर केवल उन्हें ही नहीं, पूरे देश को नये साल का तोहफा दिया है। सीडीएस का पद सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से ऊपर फोर स्टार जनरल के समकक्ष होगा। सीडीएस की जरूरत क्यों पड़ी आपको ये भी जानना चाहिए। साल 1999 में कारगिल युद्ध के बाद एक समिति का गठन हुआ था। जिसने सीडीएस की नियुक्ति का सुझाव दिया था। सीडीएस की नियुक्ति का उद्देश्य सेना के सभी अंगों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना था। दो दशक बाद इस फैसले पर तब मुहर लगी, जब बीते स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सीडीएस की नियुक्ति की घोषणा की थी।
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सीडीएस की कार्यप्रणाली के बारे में भी आपको बताते हैं। सीडीएस का पद सेना के तीनों अंगों के ऊपर होगा। सीडीएस के अंतर्गत कोई मिलिट्री कमांड नहीं होगा। सीडीएस रक्षा मंत्री के लिए सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाएगा। सेना में आधारभूत संरचना का समुचित उपयोग सुनिश्चित करेगा। स्वदेशी तकनीकी की हिस्सेदारी बढ़ाएगा। सीडीएस पद से हटने के बाद सरकारी नौकरी नहीं सकेंगे। प्राइवेट क्षेत्र में भी रिटायर होने के पांच साल बाद ही सेवा देंगे, उसके लिए भी सरकार की अनुमति लेनी होगी। देश को पहला सीडीएस देने का गौरव उत्तराखंड को मिला है, इसलिए जश्न तो बनता ही है। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के पौड़ी स्थित पैतृक गांव में भी जश्न मनाया जा रहा है। लोगों ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई।