उत्तराखंड: जानिए कौन हैं रविन्द्र नेगी, जिन्होंने दिल्ली में मनीष सिसोदिया को दी कड़ी चुनौती
दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के दिग्गज मनीष सिसोदिया को टक्कर देने वाले बीजेपी प्रत्याशी रविन्द्र नेगी पहाड़ के रहने वाले हैं, वो चुनाव भले ही नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने हजारों दिलों को जरूर जीत लिया...आगे जानिए उनके बारे में स
Feb 12 2020 2:34PM, Writer:कोमल नेगी
दिल्ली का चुनावी रण बेहद दिलचस्प रहा। इस विधानसभा चुनाव में पहाड़ियों ने भी राजनीतिक रणनीति के खूब दांव-पेंच दिखाए। करावल नगर विधानसभा सीट से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट जीते, उन्होंने आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज कराई। करावल नगर के अलावा एक और विधानसभा सीट है, जिस पर लोगों की नजरें दिन भर टिकी रहीं। ये सीट है पटपड़गंज विधानसभा सीट। इस सीट के शुरूआती नतीजों ने आम आदमी पार्टी के पसीने छुड़ा दिए थे। पटपड़गंज से दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया मैदान में थे। और उन्हें टक्कर दे रहे थे अपने पहाड़ी भाई रवि नेगी। रवि नेगी को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया था। काउंटिंग शुरू हुई तो रवि नेगी ने बढ़त बनाना शुरू कर दिया। 11वें राउंड तक केजरीवाल के बाद आम आदमी पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया रविन्द्र नेगी से पीछे चल रहे थे। हालांकि फाइनल मतगणना में मनीष सिसोदिया जीत गए, लेकिन ये जीत उनके लिए आसान नहीं थी। जीत का अंतर बेहद मामूली था। रवि नेगी सिर्फ तीन हजार वोटों से हारे। मनीष सिसोदिया पिछली बार 25 हजार से ज्यादा वोटों से जीते थे, इस बार ये अंतर सिर्फ 3 हजार रहा। चलिए अब आपको मनीष सिसोदिया के पसीने छुड़ाने वाले प्रत्याशी रवि नेगी के बारे में बताते हैं। आगे पढ़िए
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रवि नेगी मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। उनका परिवार जैंती सालम पट्टी के सीमदाड़मी गांव में रहता है। रवि नेगी के पिता प्रताप सिंह नेगी गृह मंत्रालय में सेवारत थे, अब रिटायर हो चुके हैं। उनके बड़े भाई हरीश नेगी हल्द्वानी के देवलचौड़ बंदोबस्ती में रहते हैं। हरीश ने बताया कि दिल्ली में रहने के बावजूद उनके परिवार का पहाड़-गांव से गहरा नाता है। शादी हो या दूसरे शुभ कार्य, सभी लोग पूजा में जरूर शामिल होते हैं। रवि नेगी दिल्ली में भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस वक्त वो विनोद नगर मंडल अध्यक्ष के पद पर हैं। रवि ने 3 साल पहले दिल्ली में पार्षद के चुनाव के लिए नामांकन कराया था, लेकिन तब किसी वजह से उनका नामांकन रद्द हो गया था। चुनाव के दौरान हल्द्वानी के देवलचौड़ से कई लोग दिल्ली गए थे, ताकि रवि नेगी के लिए चुनाव प्रचार कर सकें। साफ छवि की बदौलत रवि को आप के दिग्गज मनीष सिसोदिया के खिलाफ चुनाव लड़ने का मौका मिला। मनीष सिसोदिया ने 59,589 वोटों के साथ पटपड़गंज विधानसभा सीट से जीत हासिल की। वहीं उनके खिलाफ बीजेपी की ओर से खड़े रविंद्र सिंह नेगी को 57516 वोट मिले। रवि नेगी चुनाव भले ही हार गए हों, लेकिन उन्होंने हजारों लोगों के दिलों को जरूर जीता और चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।