उत्तराखंड में छात्रों को महंगी किताबों से मिलेगा छुटकारा, शिक्षा विभाग ने किया बड़ा काम
शिक्षा विभाग ने सस्ती किताबों के चयन के लिए समिति का गठन किया है। विभाग के इस प्रयास से छात्रों को एनसीईआरटी के अलावा दूसरी सहायक पुस्तकें भी सस्ती दर पर मिलेंगी.. पढ़िए पूरी खबर
Mar 4 2020 12:50AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में अब स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी। स्कूल प्रशासन छात्रों पर महंगी किताबें खरीदने का दबाव नहीं बना सकेंगे। छात्रों को एनसीईआरटी के अलावा दूसरी सहायक पुस्तकें भी सस्ती दर पर मिलेंगी। सरकारी और सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में 2018-19 से एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के बाद अब सहायक पुस्तकों को भी सस्ती दरों पर एक समान रूप से स्कूलों में लगाए जाने की तैयारी है। इस फैसले से सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को राहत मिलेगी। नए शिक्षा सत्र से सरकारी और प्राइवेट स्कूल मनमर्जी से सहायक पुस्तकें नहीं लगा सकेंगे। आपको बता दें कि प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छात्र और उनके अभिभावक महंगी किताबों से खासे परेशान हैं। कुछ किताबों की कीमतें बहुत ज्यादा हैं। शिक्षा विभाग को इस बारे में लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं। जिस वजह से साल 2018-19 में स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू कराने का निर्णय लिया गया।
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सरकार के इस फैसले के बावजूद अभिभावकों की दिक्कतें कम नहीं हुई। क्योंकि एनसीईआरटी के अलावा अन्य सहायक पुस्तकों जैसे अंग्रेजी व्याकरण, हिंदी व्याकरण, सामान्य ज्ञान, कंप्यूटर, कला, नैतिक शिक्षा आदि विषयों की किताबें महंगी हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के चलते शिक्षा विभाग ने अब ये किताबें सस्ते दाम पर उपलब्ध कराने का फैसला किया है। विभाग सहायक विषय वस्तुओं की किताबों को गुणवत्ता और न्यूनतम मूल्य के आधार पर छात्रों को उपलब्ध कराएगा। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। जो इस तरह की किताबों का चयन करेगी। शिक्षा विभाग के इस प्रयास से छात्रों को एनसीईआरटी के अलावा दूसरी सहायक पुस्तकें भी सस्ती दर पर मिलेंगी। स्कूल भी छात्रों पर महंगी किताबें खरीदने के लिए दबाव नहीं बना सकेंगे।