उत्तराखंड: घरों के लिए पैदल निकले 35 मजदूर, खबर मिलते ही SP प्रीति ने किया नेक काम
35 मजदूर भूखे पेट पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े थे। सूचना मिलते ही एसपी प्रीति प्रियदर्शी तुरंत मौके पर पहुंची और मजदूरों को भोजन कराया। SP प्रीति ने श्रमिकों के लिए आवास की व्यवस्था भी कराई...
Mar 27 2020 7:36PM, Writer:कोमल नेगी
लॉकडाउन...भगवान ऐसे दिन फिर कभी ना दिखाए। घर में कैद लोगों के साथ-साथ जो लोग सड़कों पर फंसे हैं, उन पर भी बुरी बीत रही है। मजदूर तबके के लोगों का रोजगार छिन गया है। सिर पर ना तो छत रही और ना ही पेट भरने के लिए पैसे। जिंदगी पहले ही कठिन थी, अब दुश्वारियां और बढ़ गई हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए उत्तराखंड पुलिस सराहनीय काम कर रही है। पुलिस की सख्ती के बीच उनके मानवीय पहलू की कई कहानियां सामने आ रही हैं। एक ऐसी ही तस्वीर पिथौरागढ़ से सामने आई है, जहां पैदल-पैदल बहराइच जा रहे 35 मजदूरों को एसपी ने भोजन कराया। उनके लिए आवास की व्यवस्था भी कराई। जिले में बिहार, यूपी और नेपाल के हजारों श्रमिक काम करते हैं। नेपाली मजदूर पहले ही अपने घरों को लौट गए थे, लेकिन यूपी और बिहार के कई मजदूर काम बचा होने की वजह से लौट नहीं पाए।
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सरकार ने जब निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी तो यूपी के 35 मजदूर जिले में ही फंस गए। लॉकडाउन की वजह से कोई भी गाड़ीवाला उन्हें राज्य से बाहर ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। ठहरने के लिए जगह भी नहीं थी, इसलिए ये सभी मजदूर गुरुवार को पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े। ऐंचोली में पुलिस की नजर इन पर पड़ी तो पुलिस ने इन्हें रोक लिया। सूचना तुरंत एसपी प्रीति प्रियदर्शिनी को दी। मौके पर पहुंची एसपी ने मजदूरों से बात की तो उन्होंने अपनी परेशानी उन्हें बताई। ये भी बताया कि उन्होंने कुछ खाया तक नहीं है। ये सुनकर एसपी ने सभी मजदूरों को भोजन कराया। साथ ही उनके लिए आवास की व्यवस्था भी कराई। एसपी ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने तक सभी मजदूर जिले में ही रहेंगे। उन्हें खाद्यान्न और आवास संबंधी परेशानी नहीं होने दी जाएगी। एसपी ने पुलिस अधिकारियों को श्रमिकों के ठहरने के लिए प्रबंध करने के निर्देश भी दिए।