उत्तराखंड: पहाड़ की जयंती डेढ़ साल से स्क्रबर में रहने को मजबूर..कलेजा चीर देता है ये वीडियो
आज ना सही लेकिन कल, कभी ना कभी आपका लॉकडाउन-क्वॉरेंटाइन खत्म हो ही जाएगा, लेकिन जयंती का क्वॉरेंटाइन है कि पिछले डेढ़ साल से खत्म ही नहीं हो रहा। देखिए वीडियो
Apr 10 2020 6:55PM, Writer:कोमल नेगी
लॉकडाउन...आप और हम इसका सामना पहली बार कर रहे हैं। घर में रहते-रहते खीझ भी पैदा होती और झल्लाहट भी, ऐसे में उन लोगों के बारे में भी सोचिए जो हमारे तथाकथित सभ्य समाज में आज भी अनचाहे क्वॉरेंटाइन में जी रहे हैं। दिल चीरकर रख देने वाली एक ऐसी ही कहानी लोहाघाट से सामने आई, जहां जयंती नाम की महिला पिछले डेढ़ साल से स्क्रबर में रहकर जिंदगी काट रही है। बस समझ लो सड़क का यही कोना जयंती का घर है। बाराकोट-पिथौरागढ़ लिंक मोटरमार्ग पर कैलाड़ी तोक के पास एक जगह है धारगड़ा। यहीं पर सड़क किनारे रहती है जयंती देवी। उम्र है 42 साल। पति की मौत हो चुकी है। जयंती की मानसिक हालत भी ठीक नहीं है। पति के गुजरने के बाद जब कहीं ठोर-ठिकाना ना मिला तो जयंती सड़क किनारे रहने लगी। आगे पढ़िए ये खबर आगे..साथ ही देखिए वीडियो
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पिछले डेढ़ साल से जयंती यहीं रह रही है। जंगल के बीच से गुजरने वाली सड़क के स्क्रबर में जंगली जानवरों के आने का डर लगा रहता है। जंगल में आग लगती है तो जयंती सहम जाती है, लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि प्रशासन ने पिछले डेढ़ साल में इस गरीब-बेसहारा महिला की एक बार भी सुध नहीं ली। स्थानीय लोग ही जयंती को कभी-कभार कुछ खाने के लिए दे देते हैं। राहगीर भी मदद करते हैं। कभी कुछ नहीं मिलता तो जयंती गांवों में मांग-मांगकर गुजारा कर लेती है। जिंदगी बस इसी तरह कट रही है, लेकिन सवाल है कब तक। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन महिला की सुध नहीं ले रहा। जंगली जानवर महिला को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उसके साथ अनहोनी हो सकती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से महिला को आश्रम में भेजने की व्यवस्था करने की मांग की, ताकि वो अपनी बाकी की जिंदगी आराम से गुजार सके। देखिए वीडियो