केदारनाथ धाम की पूजा के लिए उत्तराखंड पहुंचे रावल, सेवादारों समेत सभी होम क्वारेंटीन
29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। धाम के रावल पांच सेवादारों के साथ सदियों पुरानी परंपरा निभाने के लिए उत्तराखंड पहुंच गए हैं। ऊखीमठ में प्रशासन ने सभी को होम क्वारेंटीन किया है...
Apr 19 2020 1:17PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड कोरोना की चौतरफा मार झेल रहा है। यहां अब तक कोरोना के 42 पॉजिटिव केस मिले हैं। लॉकडाउन के चलते हर तरह के व्यवसाय ठप पड़े हैं। पहाड़ के लोगों को कोरोना संक्रमण के खतरे के साथ-साथ आर्थिक मोर्चों पर भी लड़ना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण का असर प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ माने जाने वाली चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। कपाट पूजा के लिए रावल भीमाशंकर लिंग अपने सेवादारों के साथ उत्तराखंड पहुंच गए हैं। ऊखीमठ पहुंचने पर प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर उनका हालचाल पूछा। साथ ही रावल समेत सभी 5 सेवादारों को होम क्वारेंटीन कर दिया गया है। सभी को अलग-अलग कमरों में ठहराया गया है। कपाट खुलने के समय आयोजित धार्मिक परंपराओं में रावलों का रहना जरूरी है, लेकिन रावलों को लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड तक लाना राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। राहत वाली बात ये है कि केदारनाथ के रावल ऊखीमठ पहुंच चुके हैं।
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आपको बता दें कि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में चारधाम यात्रा का आगाज होने वाला है। 29 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट खुलने हैं। बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से धाम के लिए प्रस्थान करेगी। डोली के साथ रावल और सेवादार भी धाम के लिए रवाना होंगे। प्रदेश में कोरोना के चलते जिस तरह के हालात बने हुए हैं, उसे देख लगता है कि चारधाम यात्रा इस बार महज परंपरा और औपचारिकता बनकर रह जाएगी। वहीं पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि सरकार हर हाल में परंपरा का पालन करते हुए कपाट खुलवाने की कोशिश कर रही है। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के रावलों के पहुंचने पर उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। स्वास्थ्य परीक्षण और टेस्ट निगेटिव होने पर ही रावल पूजा में भाग ले पाएंगे।