भारत-चीन हिंसक झड़प...अब अजीत डोभाल और बिपिन रावत के कंधों पर बड़ा जिम्मा
एक बार फिर से देश की सुरक्षा का सवाल है। सीडीएस बिपिन रावत और एनएसए अजीत डोभाल के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है।
Jun 17 2020 12:31PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और सेना अध्यक्ष एमएम नरवणे कई बार बैठकें की चुके हैं। खबर है कि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ मीटिंग की। अजित डोभाल और बिपिन रावत इससे पहले डोकलाम में अपनी प्लानिंग से चीन को चारों खाने चित कर चुके हैं। गालवन घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प के बाद गहमागहमी का माहौल है। एक तरफ हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है तो दूसरी तरफ खबर यह आ रही है कि अभी भी 4 जवानों की हालत बेहद गंभीर है। आपको बता दें कि गालवन घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं और 4 जवानों की हालत अभी भी गंभीर है। एक बार फिर से देश की सुरक्षा का जिम्मा एनएसए अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत के कंधों पर आ गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई है। इसमें थल सेना वायु सेना और इंडियन नेवी के तीनों सुप्रीमो को बुलाया गया है। इसके अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी बिपिन रावत को इस मीटिंग का मुख्य जिम्मा दिया गया है। उधर सूत्रों के हवाल से खबर है कि अजीत डोभाल को नए सिरे से प्लानिंग की जिम्मेदारी मिली है।
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एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस झड़प में चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। उनकी यूनिट का कमांडिंग अफसर भी इनमें शामिल है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में चीन को बड़ा नुकसान हुआ है। इस नुकसान के अनुमान का आधार यह है कि चीन बॉर्डर पर स्ट्रेचर एंबुलेंस के जरिए घायल मृत सैनिकों को ले जाया जा रहा है। गलवान घाटी में चीनी हेलीकॉप्टरों की हलचल बढ़ गई है। खबर यह भी है कि बीती रात हिमाचल प्रदेश में इंडियन एयर फोर्स के विमानों की गर्जना सुनाई दी।