उत्तराखंड: 5 जिलों में मूसलाधार बारिश का रेड अलर्ट, 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट..सावधान रहें
उत्तराखंड में 22 जुलाई के लिए 5 जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
Jul 22 2020 12:47PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड में जगह-जगह भारी बारिश से बुरा हाल है। लगातार होती बारिश से कई सड़कें बंद हैं और कई गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। कई जगह ऐसी है जहां बिजली नहीं है और गांव अंधेरे में डूबे हैं। इन सबके बीच उत्तराखंड की मुश्किलें अभी कम होने का नाम नहीं ले रही। उत्तराखंड में 22 जुलाई के लिए 5 जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। रेड अलर्ट का अर्थ है कि आने वाली मुश्किल से पहले ही कोई एक्शन लिया जाए। ऑरेंज अलर्ट का अर्थ है कि आने वाली मुश्किल के लिए तैयार रहें। अब सबसे पहले उन जिलों की बात करते हैं जहां भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसलिए इन 5 जिलों के लोग संभल कर रहे हैं और कोई जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकले। आगे पढ़िए
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इसके अलावा अब उन जिलों की बात करते हैं जहां ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। आज उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसलिए यहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उधर सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ में बारिश से जैसी तबाही मची है, वैसी किसी ने पहले कभी नहीं देखी। आसमान में बादल गरजते हैं तो लोगों का दिल बैठ जाता है। अनहोनी की आशंका सताने लगती है। शनिवार रात यहां मूसलाधार बारिश के साथ आए सैलाब में एक पांच साल का बच्चा बह गया। जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त मां ने बच्चे को अपनी बाहों में थामा हुआ था। दोनों जान बचाने के लिए भाग रहे थे, तभी बच्चे का हाथ छूटा और वो नाले संग बहता चला गया। अपने कलेजे के टुकड़े को पानी में डूबते-उतरते देख मां दर्द से तड़प उठी।
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बदहवास मां पूरी रात बच्चे को तलाशती रही। ग्रामीण भी खोजबीन में जुटे रहे। बच्चा पांच घंटे तक पानी में रहा। सुबह मौसम शांत होने पर वो घर से दूर खेत में पानी से भरे गड्ढे में बेहोशी की हालत में मिला। इसे चमत्कार ही कहेंगे कि मां की प्रार्थनाओं से बच्चे की जान बच गई। बच्चे को ग्रामीण तुरंत अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज जारी है। इसके साथ ही जिले के बंगापानी तहसील के गैला टांगा में रविवार रात ग्रामीण घरों में सो रहे थे। तभी रात एक बजकर 44 मिनट पर धमाके जैसी आवाज आई और पहाड़ी आया सैलाब गांव की तरफ बह निकला। इस दौरान एक मकान मलबे में जमींदोज हो गया। हादसे में तीन लोगों की जान चली गई। टांडा गांव के 11 लोग अब भी लापता हैं, एक व्यक्ति घायल है। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ज्यादा बारिश की वजह से गांव का रास्ता भी बंद है। हालांकि सेरा सिरतोला गांव के कुछ युवा प्रभावित क्षेत्र में पहुंच चुके हैं, और बचाव कार्य में जुटे हैं। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ, आपदा प्रबंधन टीम, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।