उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल, लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत को शौर्य चक्र
जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों में अदम्य साहस दिखाने वाले सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
Aug 16 2020 12:41PM, Writer:Komal Negi
उत्तराखंड के सैनिकों के शौर्य की कहानियां पूरी दुनिया में मशहूर हैं। यहां के लोगों की देशभक्ति का कोई जवाब नहीं। सेना में बहादुरी दिखाने के मामले में उत्तराखंड का बड़ा नाम है। वीर योद्धा लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत उत्तराखंड के ऐसे ही जांबाज बहादुरों में से एक हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों में अदम्य साहस दिखाने वाले सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्रपति ने सेना के लिए वीरता पदकों को स्वीकृति दे दी। इसके साथ ही सेना के 31 जवानों को वीरता पदक मिलेगा। जिन जांबाजों को वीरता पदक से नवाजा जाएगा। उनमें उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत भी शामिल हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत अल्मोड़ा जिले की स्याल्दे तहसील के देघाट क्षेत्र के रहने वाले हैं। आगे पढ़िए
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देघाट में एक गांव है तल्ला महरगांव। लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत का परिवार इसी गांव से ताल्लुक रखता है। इस वक्त वो सेना की प्रथम पैरा रेजीमेंट का हिस्सा हैं और पठानकोट में तैनात हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत 2006 में एनडीए की पासिंग आउट परेड के बाद विधिवत रूप से सेना का हिस्सा बने थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर अदम्य साहस दिखाते हुए सीमापार से आतंकी घुसपैठ को नाकाम किया था। उनके नेतृत्व में विशेष बल की टीम ने खराब मौसम में 36 घंटे चली मुठभेड़ के बाद चार आतंकियों को मार गिराया था। एक आतंकी को जख्मी हालत में गिरफ्तार किया गया था। बॉर्डर पर सेना को खुफिया अलर्ट मिला था कि कुछ आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही लेफ्टिनेंट कर्नल रावत और उनकी टीम मौके के लिए निकल पड़ी। आगे पढ़िए
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इस दौरान मौसम खराब था, जिस वजह से ऑपरेशन में दिक्कतें आईं, लेकिन लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत की टीम का हौसला नहीं टूटा। वो किसी तरह आतंकियों तक पहुंचने में कामयाब रहे। 36 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया, जबकि एक आतंकी को जख्मी हालत में पकड़ा गया था। अदम्य साहस का परिचय देने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत को अब शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। शौर्य चक्र शांतिकाल में दिया जाने वाला तीसरा सर्वोच्च वीरता पदक है। उनकी इस उपलब्धि पर परिजनों सहित उनके पैतृक गांव महरगांव तल्ला में खुशी की लहर है। लेफ्टिनेंट कर्नल कृष्ण सिंह रावत को पांच साल पहले सेना मेडल के अलावा मैस इन डिस्पैच पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।