उत्तराखंड में पहला केस..ठीक होने के बाद फिर से कोरोना पॉजिटिव हुए डॉक्टर
कोरोना पॉजिटिव मिले डॉक्टर दून के एक कोविड केयर सेंटर में सैंपलिंग इंचार्ज का दायित्व संभाल रहे थे। उनकी एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
Sep 9 2020 8:14PM, Writer:Komal Negi
कोरोना वायरस जैसी आपदा दुनिया ने भी पहले कभी नहीं देखी। संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं, जो लोग कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं, उन्हें लेकर भी ये सवाल सबके मन में उठ रहा है कि क्या वो कोरोना से उबरने के बाद ठीक हो गए। इस सवाल का ठीक-ठीक जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। अब देहरादून में ही देख लें, यहां कोरोना से जंग जीतने वाले एक डॉक्टर फिर से कोरोना पॉजिटिव पाए गए। डॉक्टर की रिपोर्ट दोबारा कोरोना पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। देशभर में अब तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें कोरोना को हराने वाले मरीज दोबारा संक्रमण की चपेट में आ गए, लेकिन उत्तराखंड में ये अपनी तरह का पहला केस है। कोरोना संक्रमण का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जो फ्रंट लाइन पर सेवाएं दे रहे हैं। देहरादून में कोरोना पॉजिटिव मिले डॉक्टर भी कोविड ड्यूटी में तैनात थे। वो दून के एक कोविड केयर सेंटर में सैंपलिंग इंचार्ज का दायित्व संभाल रहे थे। अब उनकी एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे पहले वो जुलाई के आखिरी हफ्ते में कोरोना संक्रमित हुए थे। कोरोना के लक्षण दिखने पर उन्होंने टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तब वह इलाज के लिए दस दिन तक कोविड केयर सेंटर में रहे। बाद में उन्हें एक हफ्ते के लिए होम आइसोलेशन में रहना पड़ा। आगे पढ़िए
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डॉक्टर की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा था। वो ठीक लग रहे थे। एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट दो बार नेगेटिव आई। जिसके बाद वो फिर से कोरोना ड्यूटी पर लौट आए थे। ठीक होने के बाद वो अस्पताल में सैंपलिंग इंचार्ज के तौर पर सेवाएं देने लगे। इस दौरान कोरोना योद्धा होने के चलते उनकी दोबारा सामान्य तौर पर जांच कराई गई थी, जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वो खुद आइसोलेशन में चले गए हैं। डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने आरटी-पीसीआर सैंपल भेजा है। इस बार उनमें कोरोना के किसी तरह के लक्षण नहीं थे, लेकिन वो स्वास्थ्य में गिरावट महसूस कर रहे थे। तब उन्होंने एंटीजन जांच कराई जो कि पॉजिटिव आई है। आपको बता दें कि जो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और ठीक होकर घर वापस आ गए हैं, वे लंबे समय तक कमजोरी भी महसूस करते हैं। डॉक्टरों के अनुसार यह थकान करीब तीन से चार हफ्ते तक रह सकती है। इसलिए ठीक होने के बाद मरीज को प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन करना चाहिए। डिप्रेशन दूर करने के लिए मेडिटेशन का सहारा लें।