उत्तराखंड: ताड़ीखेत ब्लॉक के मनोज को बधाई..किसान के बेटे ने UP-PCS में पाई कामयाबी
पीसीएस परीक्षा पास करने वाले मनोज चंद्र छिम्वाल के पिता खेती करते हैं। स्कूल पहुंचने के लिए वो हर दिन 8 किलोमीटर पैदल चलते थे, जानिए उनकी कहानी
Sep 14 2020 6:08PM, Writer:Komal Negi
पीसीएस परीक्षा के लिए लाखों नौजवान तैयारी करते हैं, लेकिन सफलता के लिए जरूरी है सकारात्मक सोच और सटीक लक्ष्य। जिसकी जीती जागती मिसाल हैं अल्मोड़ा के मनोज चंद्र छिम्वाल। पहाड़ के किसान के इस होनहार बेटे ने यूपी पीसीएस परीक्षा 2018 में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया। मनोज चंद्र छिम्वाल की सफलता की कहानी दूसरों को प्रेरणा देने वाली है। अल्मोड़ा के ताड़ीखेत ब्लॉक में एक गांव है पजीना। मनोज चंद्र छिम्वाल मूलरूप से इसी गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार हल्द्वानी के भगवानपुर में रहता है। उनके पिता ईश्वरी दत्त छिम्वाल खेती के साथ पंडिताई का काम भी करते हैं। माता लीला देवी गृहणी हैं। बेटे की कामयाबी से घर में जश्न का माहौल है। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है।
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आज हम पीसीएस परीक्षा पास करने वाले होनहार मनोज की सफलता देख रहे हैं, लेकिन यहां तक का उनका सफर बेहद संघर्षों से भरा रहा है। मनोज ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से की। पहाड़ के हाल तो आप जानते ही हैं। स्कूल गांव से कई किलोमीटर दूर था। तब स्कूल जाने के लिए मनोज हर रोज 8 किलोमीटर पैदल चलते थे। स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने अल्मोड़ा के एसएसजे कॉलेज, रामनगर कॉलेज और देश की दूसरी यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की। वर्तमान में मनोज ओखलकांडा ब्लॉक में प्रवक्ता के तौर पर सेवारत हैं। मनोज एमिटी यूनिवर्सिटी और नवोदय विद्यालय पिथौरागढ़ में शिक्षक भी रह चुके हैं।मनोज पिछले कई साल से पीसीएस की तैयारी कर रहे थे। आगे पढ़िए
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उन्हें सफलता तीसरे इंटरव्यू में मिली। मनोज बताते हैं कि उन्होंने आईएएस और पीसीएस के लिए 7 बार इंटरव्यू दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली। उनकी जगह कोई और होता तो टूट जाता, लेकिन मनोज ने हार नहीं मानी। आत्मबल बढ़ाने के लिए उन्होंने मौन साधना की। साल 2005 से 2015 तक वो हफ्ते में एक दिन मौन रहते थे। माता-पिता ने भी हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। मनोज हिंदी, समाजशास्त्र, संस्कृत, संगीत और पत्रकारिता समेत 7 विषय में एमए हैं। पॉलिटिकल साइंस और हिंदी में यूजीसी नेट क्वालीफाइड हैं। मनोज पीसीएस की तैयारी करते हुए पिछले सात साल से जयपुर, दिल्ली, भोपाल और ग्वालियर जैसे शहरों में युवाओं को पीसीएस की तैयारी करा रहे थे। राज्य समीक्षा टीम की तरफ से उन्हें ढेरों शुभकामनाएं। आप भी मनोज को बधाई देकर उनका हौसला बढ़ाएं।