उत्तराखंड बना देश का 5वां सबसे महंगा राज्य, पड़ोसी राज्य हमसे काफी बेहतर
इस वक्त उत्तराखंड में सिर्फ दो ही चीजें तेजी से बढ़ रही हैं, पहला है कोरोना संक्रमण और दूसरी है महंगाई।
Sep 18 2020 12:20PM, Writer:Komal Negi
अगर हम आपसे पूछें कि दिल्ली और उत्तराखंड में से ज्यादा महंगा राज्य कौन सा है, तो आप क्या कहेंगे। हमें पूरा यकीन है कि ज्यादातर लोगों का जवाब दिल्ली होगा, लेकिन ये सही नहीं है। इस वक्त उत्तराखंड में सिर्फ दो ही चीजें तेजी से बढ़ रही हैं, पहला है कोरोना संक्रमण और दूसरी है महंगाई। पिछले एक साल में अपना उत्तराखंड देश के पांच सबसे महंगे राज्यों की सूची में शामिल हो गया है। ये खुलासा केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में हुआ। मंत्रालय के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में उत्तराखंड देश के पांच सबसे महंगे राज्यों में से एक है। तेजी से बढ़ती महंगाई के मामले में उत्तराखंड ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया। बात करें उत्तराखंड की तो यहां महंगाई को सामान्य रूप से मौसम से जोड़ कर देखा जाता है। आगे पढ़िए
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माना जाता है कि मानसून में सामान के दाम बढ़ते ही हैं। अब हमारे पड़ोसी राज्यों का हाल भी जान लेते हैं।
केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार हमारे पड़ोसी राज्य महंगाई पर अंकुश लगाने में हमसे बेहतर साबित हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश भी महंगाई को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा और दिल्ली भी महंगाई के मामले में उत्तराखंड से बेहतर ही है।
महंगाई के मामले में उत्तराखंड ने अपने बड़े भाई उत्तर प्रदेश को भी पीछे छोड़ दिया है।
केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय की तरफ से 14 सितंबर को जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में पिछले साल अगस्त महीने की तुलना में इस साल अगस्त महीने में महंगाई दर में 7.93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आगे पढ़िए
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अब राज्यों की महंगाई दर पर भी एक नजर डाल लें। महंगाई दर के मामले में असम टॉप पर है। यहां 9.52 प्रतिशत महंगाई दर है। पश्चिम बंगाल में 9.44, उड़ीसा में 8.17 और तेलंगाना में 8.38 प्रतिशत महंगाई दर है। अपना उत्तराखंड 7.93 प्रतिशत महंगाई दर के साथ पांचवे नंबर पर है। उत्तर प्रदेश में महंगाई दर 7.03, हिमाचल प्रदेश में 4.18 और दिल्ली में 3.58 प्रतिशत है। रिपोर्ट में ये भी पता चला है कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों पर महंगाई की अधिक मार है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 8.10 और शहरी क्षेत्रों में 7.68 प्रतिशत है। गांव के उपभोक्ता मानसून में जरूरी सामान के लिए शहरों और परिवहन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं, जिससे सामान की कीमतों में उछाल आता है। ऐसे में महंगाई पर नियंत्रण के लिए जरूरी है कि स्थानीय स्तर जरूरतें पूरी करने के प्रयास किए जाएं।