गढ़वाल का ईमानदार नौजवान..रास्ते में मिली 25 लाख की अंगूठी, सीधे मालिक तक पहुंचाई
उत्तराखंड के राकेश रावत ने केदारनाथ धाम में मिली 25 लाख की बेशकीमती अंगूठी को वापस उसके असली मालिक तक पहुंचाया और ईमानदारी की एक जीती-जागती मिसाल समाज के सामने पेश की।
Sep 18 2020 12:34PM, Writer:Komal Negi
मौकापरस्त और बेईमानी की इस दुनिया के बीच में ईमानदारी की बात करना पाप लगता है, मगर देवभूमि में कई ऐसे लोग अभी भी मौजूद है जिन्होंने ईमानदारी और सच्चाई का दामन नहीं छोड़ा है। ईमानदारी की एक ऐसे ही मिसाल उत्तराखंड के राकेश रावत ने पेश की है। उन्होंने ने साबित किया है कि अभी ईमानदारी केवल किताबों तक ही सीमित नहीं है। केदारनाथ के प्रांगण में गौरीकुंड के पास सीतापुर गांव के निवासी राकेश सिंह रावत को हाल ही में केदारनाथ में 25 लाख रुपए के मूल्य की हीरेजड़ित एक बेशकीमती अंगूठी मिली थी। वे चाहते तो उसे अपने पास रख सकते थे मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। राकेश सिंह ने उस बेशकीमती अंगूठी को उसके मालिक तक पहुंचाने की ठानी और आखिरकार अलवर के राजन शर्मा तक उसकी 25 लाख की बेशकीमती अंगूठी पहुंचा ही दी।
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चलिए आपको बताते हैं कि यह अंगूठी आखिर कैसे और कहां पर खोई। अलवर के रहने वाले राजन शर्मा बीते 14 सितंबर को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने उत्तराखंड आए थे, लेकिन मंदिर से वापस लौटते समय उनकी उंगली से अंगूठी सरक पर कहां गिर गई उनको यह पता नहीं लगा। जब तक राजन शर्मा को यह पता लग पाता कि उनकी बेशकीमती अंगूठी उनके हाथ में नहीं है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हालांकि उन्होंने अपनी तरफ से काफी कोशिश की मगर उसके बाद भी उनको अंगूठी नहीं मिली जिसके बाद राजन शर्मा ने सोनप्रयाग थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई और वापस अलवर लौट आए। इसी बीच राकेश सिंह रावत को यह अंगूठी मिली और अंगूठी को उसके मालिक तक पहुंचाने हेतु वे थाने पहुंचे और उन्होंने पुलिस को बताया कि उदककुंड के पास उनको एक अंगूठी मिली है।
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पुलिस ने जांच की तो पता लगा यह वही अंगूठी है जो राजन शर्मा ने केदारनाथ में दर्शन के दौरान गुमा दी थी। थाना अध्यक्ष होशियार सिंह पंखोली ने तुरंत राजन शर्मा को इस बारे में सूचित किया और राजन शर्मा वापस थाना सोनप्रयाग पहुंचे और 16 सितंबर को पुलिस ने उनको उनकी अंगूठी सोने की अंगूठी को पहचान लिया। उन्होंने बताया कि इस बेशकीमती अंगूठी की बाजार में लगभग 25 लाख रुपए कीमत है। वहीं उन्होंने राकेश सिंह रावत के ईमानदारी की काफी सराहना की और उन को तहे दिल से धन्यवाद भी दिया। वे राकेश सिंह को इनाम भी देना चाहते थे मगर राकेश इसके लिए तैयार नहीं थे। शायद यही एक ईमानदार व्यक्ति की पहचान होती है। वहीं कुछ लोगों के समझाने पर राकेश रावत ने 25 हजार का इनाम स्वीकार किया। राकेश रावत जैसे ईमानदार युवा ही उत्तराखंड राज्य के उज्जवल भविष्य हैं और राज्य समीक्षा की पूरी टीम उनकी सच्चाई और ईमानदारी के लिए उनको सलाम करती है।