गौरवशाली पल..पहाड़ के सरकारी स्कूल की शिक्षिका को अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार सम्मान
हिंदी सेवा न्यास की ओर से छठें अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मान समारोह के लिए उत्तराखंड की सरकारी स्कूल की शिक्षिका डॉक्टर शशि जोशी का नाम चुना गया है।
Sep 27 2020 2:01PM, Writer:Komal Negi
हिंदी भाषा को वर्तमान में प्रचार और प्रसार की बेहद जरूरत है और इसी ओर उत्तराखंड के कई लोग जी-जान से जुटे हुए हैं और हिंदी भाषा को अलग पहचान दिलाने के प्रयास कर रहे हैं। कई लोगों के लिए हिंदी महज विषय नहीं बल्कि एक पहचान भी है। हिंदी भाषा को हीन भावना से देखने वालों के बीच में कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने हिंदी बोलने और पढ़ने के ऊपर काफी अधिक जोर दिया है। इस बीच उत्तराखंड से बेहद अच्छी खबर सामने आ रही। उत्तराखंड में हिंदी विषय के क्षेत्र में राज्य का नाम ऊंचा किया है अल्मोड़ा जिले के राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बांगीधर की प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉक्टर शशि जोशी ने। डॉक्टर शशि जोशी को "हिंदी विभूषणश्री" सम्मान से नवाजा जाएगा। इस बात की घोषणा हिंदी सेवा न्यास की ओर से छठें अंतरराष्ट्रीय साहित्य का सम्मान समारोह के लिए की गई है।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: 1 महीने की बच्ची के सिर से उठा पिता का साया, कौन उठाएगा इस गरीब परिवार का जिम्मा?
न्यास की ओर से दिए जाने वाले सम्मान के लिए देशभर से 8 लोग चुने गए हैं जिनमें से उत्तराखंड की डॉ शशि जोशी भी शामिल हैं। यह राज्य के लिए गर्व का पल है। यह सम्मान समारोह नवंबर माह में होगा। बता दें कि केबी हिंदी न्यास की ओर से पूरे देश भर में हिंदी विषय के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले लोगों को, हिंदी का प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों को और हिंदी साहित्य में नाम करने के लिए यह सम्मान दिया जाता है। इस बार हिंदी विभूषणश्री सम्मान के लिए कुल 8 लोगों को चुना गया है जिनमें से उत्तराखंड की डॉ शशि जोशी का नाम भी शामिल है। उन्हें पुरस्कार के रूप में 2100 की नगद धनराशि मिलेगी इसके अलावा हिंदी भूषण से सम्मान के लिए 8 और लोगों का और चयन हुआ है और यह सम्मान नवंबर के तीसरे चौथे सप्ताह में प्रदान किया जाएगा।
यह भी पढ़ें - चमोली DM स्वाति की सराहनीय पहल, किसानों को मंडुवा-झंगोरा का सही दाम
रामनगर की निवासी डॉ शशि ने 3 विषयों में एमए किया है। हिंदी, राजनीति शास्त्र और शिक्षाशास्त्र से एमए की डिग्री प्राप्त कर चुकीं डॉ शशि इस समय अल्मोड़ा जिले के राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अध्यापिका के तौर पर कार्यरत हैं। वे हिंदी में कई कविताएं और कई गजलें भी लिख चुकी हैं और उनकी रचनाएं पिछले दो दशकों से देश भर की पत्रिकाओं में प्रकाशित होती आ रही हैं। पिछले 20 वर्षों में उनकी दो सौ से अधिक रचनाएं देश भर की पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी हैं। अब तक वे अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता, शब्द निष्ठा सम्मान आदि की हकदार भी रह चुकी हैं। इसके अलावा नई उड़ान, गीत मेरे सबके लिए, राम की शक्तिपूजा, संशय की एक रात, झरोखा चंद गजलों का पुस्तकों की लेखिका भी हैं।