image: No entry of tourists in Mana village

गढ़वाल: इस सीजन सैलानियों के लिए बंद रहेगा देश का आखिरी गांव, ग्रामीणों की गजब पहल

यात्रियों की आवाजाही पर लगी रोक के चलते बदरीनाथ आने वाला कोई भी यात्री अब तक माणा, व्यास गुफा, गणेश गुफा और भीम पुल तक नहीं पहुंच सका।
Oct 5 2020 9:28AM, Writer:Komal Negi

अनलॉक-5 में मिली छूट के बाद चारधाम की रौनक लौट आई है। उत्तराखंड में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने लगी है, लेकिन इस सीजन में दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक चीन सीमा से सटे देश के अंतिम गांव माणा के दर्शन नहीं कर सकेंगे। इसके पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल माणा के ग्रामीणों ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए यहां पर्यटकों और यात्रियों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी है। गांव वाले कोरोना संक्रमण रोकथाम से बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद से ही यहां लोगों की आवाजाही पर रोक लगी है। अब ग्रामीणों ने लॉकडाउन को पूरे सीजन तक के लिए बढ़ा दिया है। यात्रियों की आवाजाही पर लगी रोक के चलते बदरीनाथ आने वाला कोई भी यात्री अब तक माणा, व्यास गुफा, गणेश गुफा और भीम पुल तक नहीं पहुंच सका। श्रद्धालु सरस्वती नदी के संगम, घंटाकर्ण देवता मंदिर और वसुधारा भी नहीं जा सके। ये सारे तीर्थस्थल माणा गांव के पास स्थित हैं। यही नहीं यहां सेना की आवाजाही भी गांव के ऊपर से बनाए गए वैकल्पिक रास्ते से हो रही है। जोशीमठ में स्थित माणा गांव पवित्र बदरीनाथ धाम से 3 किलोमीटर आगे स्थित है। कहते हैं इस गांव का नाम भगवान शिव के भक्त मणिभद्र के नाम पर पड़ा। आगे पढ़िए

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भारत-चीन सीमा पर 3200 मीटर की ऊंचाई पर बसा माणा गांव सीमा पर सजग प्रहरी के रूप में डटा है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से यहां छह महीने बर्फ जमी रहती है। तब यहां रहने वाले लोग 100 किलोमीटर दूर स्थित ट्रांजिट गांव नयाग्वाड़ और घिंघराण चले जाते हैं। गांव के लोग भले ही थोड़े वक्त के लिए निचले इलाकों में चले जाएं, लेकिन ये लोग अपनी संस्कृति से इतनी गहराई से जुड़े हैं कि कभी गांव को छोड़कर पलायन नहीं करते। माणा में देश-विदेश के पर्यटकों की आमद बनी रहती है, इसके बावजूद यहां के ग्रामीणों की पारंपरिक शैली बिल्कुल प्रभावित नहीं हुई। अपनी पहचान को बनाए रखने की यही भावना यहां पलायन को सिर उठाने नहीं देती। कोरोना संकट के दौरान सांस्कृतिक विरासत का धनी ये गांव पूरे देश के लिए मिसाल बन गया है। गांव के लोगों ने इस पूरे सीजन के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया है। माणा गांव के प्रधान पीतांबर मोलफा बताते हैं कि गांव में यात्रियों और पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध पूरे सीजन के लिए बढ़ा दिया गया है, ताकि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।


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