पहाड़ के हर ब्लॉक में बनेंगे 2 स्कूल, गरीब बच्चों को मिलेगी क्वॉलिटी एजुकेशन..जानिए खास बातें
जो ग्रामीण अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं, अटल आदर्श विद्यालय बनने के बाद वो भी अपने इस सपने को साकार कर सकेंगे। उनके बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ सकेंगे।
Oct 6 2020 11:29AM, Writer:Komal Negi
राज्य सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार की दिशा में कार्य कर रही है। इसी कड़ी में अब उत्तराखंड के हर ब्लॉक में दो अटल आदर्श विद्यालय की स्थापना की जाएगी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिल सके। जो ग्रामीण अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं, अटल आदर्श विद्यालय बनने के बाद वो भी अपने इस सपने को साकार कर सकेंगे। क्योंकि इन विद्यालयों में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों का विकल्प होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में हुई बैठक में हर ब्लॉक में दो-दो अटल आदर्श विद्यालय स्थापित करने के निर्देश दिए। बैठक में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अटल आदर्श विद्यालयों की स्थापना उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के सभी मानकों को पूरा करते हुए की जाए। गांव में अटल आदर्श विद्यालय बनेंगे तो ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी गुणवत्तापरक शिक्षा के समान अवसर मिलेंगे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 174 स्कूलों को अटल आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए चयनित कर लिया गया है। इनमें से 108 विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षा की सुविधा उपलब्ध है। आगे पढ़िए
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिन स्कूलों से शिक्षक ट्रांसफर होकर अटल आदर्श विद्यालय में आएंगे। वहां इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उन स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बाधित ना हो। स्कूलों में विज्ञान की प्रयोगशाला संबंधी सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने खेल विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति प्रदान की जाए। राज्य में खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए, ताकि खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा मिल सके। खेल विकास निधि बनाई जाए। नई खेल नीति इस तरह की हो, जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलें। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में शिक्षा और खेल मंत्री अरविंद पांडेय और सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।