देहरादून में अवैध कब्जा करने वाले सावधान, जल्द चलेगा प्रशासन का हथोड़ा
शहर में अतिक्रमण ध्वस्त करने के लिए टास्क फोर्स ने एक बार फिर कमर कस ली है। कार्रवाई से पहले नगर आयुक्त की तरफ से अवैध कब्जेदारों को नोटिस भेजे जाएंगे। आगे पढ़िए पूरी खबर
Oct 10 2020 1:10PM, Writer:Komal Negi
देहरादून में अतिक्रमण पर एक बार फिर प्रशासन का डोजर चलेगा। प्रशासन ने शहर में अतिक्रमण ध्वस्त करने की तैयारी कर ली है। अगले हफ्ते से अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो जाएगी। शासन ने जिलाधिकारी और नगर निगम के नगर आयुक्त से अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। कार्रवाई से पहले नगर आयुक्त की तरफ से अवैध कब्जेदारों को नोटिस भेजा जाएगा। उन्हें खुद अतिक्रमण हटा लेने को कहा जाएगा। इसके बाद अगले हफ्ते से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू होगा। अतिक्रमण ध्वस्त करने के लिए डीएम और नगर आयुक्त के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।
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राजधानी में उन जगहों को चिन्हित कर लिया गया है, जहां से अतिक्रमण हटाया जाना है। इसे लेकर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। जिसमें सचिव शहरी विकास, सचिव लोनिवि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। बैठक में अब तक चले अतिक्रमण हटाओ अभियान की समीक्षा की गई। साथ ही अगले हफ्ते से राजधानी में अतिक्रमण के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का निर्णय लिया गया। अतिक्रमण विरोधी अभियान डीएम और नगर आयुक्त के नेतृत्व में चलेगा। नगर आयुक्त को अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
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राजधानी में अतिक्रमण हटाने संबंधी मामले में मुख्य सचिव और सचिव लोनिवि पर कोर्ट की अवमानना की तलवार लटक रही है। दरअसल कोर्ट के आदेश पर ही शासन ने शहर से अवैध निर्माण हटाने के आदेश दिए थे। इसके तहत शहर में चिन्हित करीब 8700 अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई होनी थी। कार्रवाई शुरू भी हुई, लेकिन निकाय चुनाव से ठीक पहले अभियान थम गया। इसे लेकर कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए 4 हफ्ते का वक्त दिया था, लेकिन अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। अब कोर्ट ने इसे लेकर मुख्य सचिव और सचिव लोनिवि को अवमानना नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब देने को कहा है। आपको बता दें कि दून शहर में 8700 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। जिसमें से 7200 अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अब 1479 जगहों से अतिक्रमण हटाया जाना है।