image: Karate champion Swati teaching self defense to mountain daughters

पहाड़ की बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही कराटे चैंपियन स्वाति तोमर

स्वाति जूडो-कराटे और कबड्डी में नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं। कई चैंपियनशिप जीत चुकी स्वाति तोमर आज पहाड़ की बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं।
Jan 28 2021 8:10PM, Writer:Komal Negi

कुछ लोग मिसाल बनकर बहुत सी जिंदगियों को रौशन करते हैं। देहरादून के चकराता की रहने वाली होनहार बेटी स्वाति तोमर ऐसे ही लोगों में शामिल है। जौनसार की रहने वाली स्वाति तोमर जूडो-कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं। कई स्टेट और नेशनल लेवल चैंपियनशिप जीतने वाली स्वाति अपने हुनर का इस्तेमाल कर दूसरी बेटियों को आत्मनिर्भर बना रही हैं। वो पिछले पांच साल से स्कूलों में पढ़ रही क्षेत्र की बालिकाओं को कराटे की निशुल्क ट्रेनिंग दे रही हैं। क्षेत्र के लोग भी स्वाति के प्रयास की तारीफ करते नहीं थकते। स्वाति की कोशिश की बदौलत पहाड़ की बेटियां आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं। जौनसार-बावर के सिलीगोथान खत में एक गांव है गोथान। स्वाति का परिवार इसी गांव में रहता है। उनके पिता प्रेम सिंह चौहान किसान हैं।

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चार संतानों में स्वाति सबसे बड़ी बेटी है। स्वाति बचपन से ही कुछ अलग करना चाहती थी। इसलिए उन्होंने खेल की दुनिया में जाने का संकल्प लिया। साल 2003 में वो कराटे फेडरेशन से जुड़ गईं। जहां वो जूटो-कराटे सीखने लगीं, साथ ही कबड्डी भी खेलती रहीं। स्वाति जूडो-कराटे और कबड्डी में नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2015 से 2017 के बीच मसूरी, जयपुर और चेन्नई में संपन्न हुई ऑल इंडिया ओपन कराटे चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन कर 10 गोल्ड, 9 सिल्वर और 7 कांस्य पदक जीते। स्वाति की उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है। उन्होंने साल 2014 से 2020 के बीच आईटीबीपी के सहयोग से मसूरी में होने वाली कराटे चैंपियनशिप के वर्ल्ड कैंप में पहला स्थान हासिल कर चार गोल्ड जीते।

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साल 2015 में उन्होंने नेशनल ओकेजीकेएस की कराटे प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया। मसूरी और मणिपुर की ओपन ऑल इंडिया कराटे चैंपियनशिप में स्वाति कोच रही। कई पुरस्कारों से सम्मानित कराटे चैंपियन स्वाति 2016 से बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अपना सहयोग दे रही हैं। पिछले साल अक्टूबर में स्वाति का विवाह धर्मावाला पंचायत के प्रधान रघुवीर तोमर संग हुआ। शादी के बाद भी वो अपने मिशन में जुटी हुई हैं। स्वाति पछवादून और जौनसार-बावर के त्यूणी, बाड़वाला, कालसी, हरबर्टपुर और सेलाकुई के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली करीब 5 सौ बेटियों को निशुल्क कराटे प्रशिक्षण दे चुकी हैं। वो राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान यानी रमसा के तहत बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम को आगे बढ़ा रही हैं।


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