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उत्तराखंड: तीरथ सिंह रावत के CM बनने पर उनकी पत्नी ने कही खास बातें

सीएम तीरथ सिंह रावत की पत्नी डॉ रश्मि त्यागी रावत पेशे से डीएवी पीजी कॉलेज में मनोविज्ञान की प्रोफेसर हैं।
Mar 11 2021 1:17PM, Writer:Komal Negi

बीता बुधवार उत्तराखंड के लिए एक बड़ा दिन साबित हुआ। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे देने के बाद अब उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल गया है और आखिरकार बीते बुधवार को तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उत्तराखंड की कमान अपने हाथों में ली। मुख्यमंत्री बनने के तमाम सवालों के बीच तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद से उनके घर में खुशी का माहौल साफ देखने को मिल रहा है। उनकी पत्नी डॉ रश्मि त्यागी रावत पेशे से डीएवी पीजी कॉलेज में मनोविज्ञान की प्रोफेसर हैं और उन्होंने कहा कि उनको अपने पति की क्षमता और योग्यता देखकर यह अंदाजा था कि उनको कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है। उन्होंने बताया कि वे केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि तीरथ सिंह रावत का व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा है कि विरोधी पार्टी के लोग भी उनको बेहद पसंद करते हैं। उनकी ईमानदार छवि ही उनकी पहचान है और अब वे उत्तराखंड में भी ईमानदारी से काम करेंगे और उत्तराखंड में विकास करेंगे।

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उनकी पत्नी डॉ रश्मि रावत और बेटी ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी जाहिर की। तीरथ सिंह रावत अपने तीनों भाइयों में सबसे छोटे हैं वे अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उनके बड़े भाई जसवंत सिंह रावत पूर्व सैनिक हैं और उनके दूसरे भाई कुलदीप सिंह रावत प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं। उनके घर में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही खुशी का माहौल दिखाई दे रहा है। उनकी पत्नी का कहना है कि उनके पति के अंदर नेतृत्व का गुण है और वे बेहद सक्षम और योग्य हैं। उनकी पत्नी ने बताया कि जब सभी सांसदों को बुलाया गया तभी उनको यह आभास हो गया था कि उनके पति के कंधे पर एक बड़ी जिम्मेदारी आने वाली है।

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वहीं तीरथ सिंह रावत की बेटी लोकांक्षा रावत भी अपने पिता की इस बड़ी उपलब्धि से बेहद खुश हैं। लोकांक्षा रावत सेंट जोसेफ एकेडमी स्कूल की दसवीं की छात्रा हैं और उन्होंने बताया कि उनको अपने पिता के मुख्यमंत्री बनने की खबर तब मिली जब वो परीक्षा देकर घर लौट रही थी। उसी दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री के तौर पर उनके पिता का नाम घोषित हुआ। लोकांक्षा का कहना है कि उनको उनके पिता के ऊपर गर्व है। वे चाहती हैं कि उनके पिता प्रदेश में बेरोजगारी को खत्म करने और रोजगार को बढ़ाने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि वे अपने पिता से केवल इतना कहना चाहती हैं कि जितना ज्यादा हो सके लोगों की समस्याओं का समाधान करें क्योंकि नेताओं का फर्ज जनता की सेवा करना ही होता है और इसलिए जनता उनको चुनती है।


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