चमोली आपदा में लापता 93 लोग मृत घोषित होंगे..खत्म हुई कई परिवारों की उम्मीदें
चमोली जिले में आई आपदा में लापता हुए 93 व्यक्तियों को जिला प्रशासन द्वारा मृत घोषित कर दिया गया है। अन्य लापता व्यक्तियों को भी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद मृत घोषित कर दिया जाएगा।
May 31 2021 5:34PM, Writer:Komal Negi
7 फरवरी को चमोली जिले में आई आपदा ने समूचे देश को हिला कर रख दिया था। एक ऐसा दिन जिसको उत्तराखंड कभी नहीं भूल सकेगा। पल भर में न जाने कितनों के घर उजड़ गए। न जाने कितने ही लोग आपदा की चपेट में आए और उनकी जान चली गई। सैकड़ों परिवारों के चिराग बुझ गए। सैकड़ों लोग ऋषि गंगा के सैलाब में लापता हो गए थे जिनका अभी तक पता नहीं लग सका है। ऋषि गंगा नदी में बीती 7 फरवरी को आए सैलाब में लापता हुए लोगों को अब चमोली जिला प्रशासन मृत घोषित करने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। जी हां, चमोली जिला प्रशासन ने सैलाब में लापता हुए 93 व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया है जिनमें से 29 मजदूर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी के निवासी हैं और अन्य लापता व्यक्तियों को भी मृत घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है।
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चमोली जिले की नीति घाटी में बीती 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा नदी में भारी सैलाब आ गया था जिसकी चपेट में आसपास के ग्रामीण समेत ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना और विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना पर काम कर रहे कुल 205 व्यक्ति लापता हो गए थे। इन 205 व्यक्तियों में से 81 व्यक्तियों के शव मिल चुके हैं और 35 मानव अंग बरामद हो चुके हैं जबकि 124 व्यक्तियों का अभी तक कुछ भी पता नहीं लग सका है। उप जिलाधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी ने बताया है कि 81 बरामद शवों में से 49 शवों की शिनाख्त की जा चुकी है। वहीं आपदा एक्ट के तहत तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद लापता 158 व्यक्तियों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिनमें से 93 व्यक्तियों को मृत घोषित किया जा चुका है। आपको बता दें कि इन 93 व्यक्तियों में से 47 के शव बरामद किए जा चुके हैं और 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
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वहीं इन दिनों फिर से ऋषि गंगा क्षेत्र में खतरे के संकेत नजर आ रहे थे जिस कारण आसपास के ग्रामीणों में खौफ पसर गया था। दरअसल चमोली जिले में ऋषि गंगा नदी के एरिया में एक बार फिर से ग्रामीणों द्वारा ग्लेशियर में दरार की संभावना जताई गई। चमोली जिला प्रशासन ने तुरंत ही इस पर एक्शन लिया और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों को अलर्ट किया। मगर सुकून की बात यह है कि वहां पर खतरे की कोई बात नहीं है। ऋषिगंगा नदी एरिया में ग्लेशियर में दरार के दावे को विशेषज्ञों ने सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें कि विशेषज्ञों के एक दल ने हाल ही में बीते शनिवार को क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और उनको ग्लेशियर में किसी भी प्रकार का क्रैक नहीं दिखा जिसके बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट में कहा गया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में कहीं कोई दरार नहीं है और सब कुछ सामान्य है।