शानदार खबर: गढ़वाल के ‘घोस्ट विलेज’ में लौटी रौनक, शहर से गांव लौटे 3 भाई..अब यहीं रहेंगे
गांव के रहने वाले एक ही परिवार के तीनों भाइयों ने अब गांव में ही रहने का मन बना लिया है। इन्होंने बीते वर्ष गांव में पक्का मकान बनाने का कार्य शुरू करवा दिया था
Jun 4 2021 1:04PM, Writer:सिद्धान्त की रिपोर्ट
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में तेजी से हो रहे पलायन की सच्चाई किसी से छुपी नहीं है, वही कोरोना के चलते कुछ लोग अपने गांव वापस जरूर लौट रहे हैं लेकिन यह लोग बीमारी के सामान्य होने के बाद एक बार फिर वापस शहरों की तरफ लौट जाएंगे। लेकिन कल्जीखाल ब्लॉक के चौंडली गांव के रहने वाले एक ही परिवार के तीनों भाइयों ने अब गांव में ही रहने का मन बना लिया है। इन्होंने बीते वर्ष गांव में पक्का मकान बनाने का कार्य शुरू करवा दिया था जो कि बनकर तैयार हो गया है। अब यह लोग अपने परिवार के साथ गांव में ही रहना चाहते हैं। इस सूचना के बाद स्वयं जिलाधिकारी पौड़ी भी उनसे मिलने पहुंचे। सड़क से करीब 3 किलोमीटर दूर पैदल चलकर डीएम ने उनसे मुलाकात कर उन्हें सरकार द्वारा चलाए जा रहे हर योजना से जोड़कर स्वरोजगार की शुरुआत का आश्वासन दिया है। पौड़ी शहर से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कल्जीखाल ब्लाक की थनुल ग्रामसभा का चौंडली गांव। साल 2013 में बहुत चर्चाओं में आया था जब यहां पर रहने वाला एक दंपति गांव छोड़कर शहर चले गए थे। इसके बाद यह गांव पूरी तरह से खाली हो चुका था। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: अब सांसद अजय भट्ट के बयान पर लोगों ने ली मौज..सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
अब एक ही परिवार के तीनों भाइयों ने सेवानिवृत्त होने के बाद गांव में ही रहने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि उनके बच्चों की शिक्षा और नौकरी के चलते वह शहरों में रहना चाहते हैं तो वह रह सकते हैं, लेकिन वह तीनों भाई गांव में रहकर कृषि बागवानी आदि से जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि गांव तक आने वाली जो सड़क है, उसका सुधारीकरण किया जाए इसके साथ ही गांव में आंगनबाड़ी केंद्र पंचायत भवन,अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधा हो तो प्रत्येक व्यक्ति अपने गांव में रह सकता है। मनमोहन सिंह और सरोजनी देवी ने बताया कि तीनों भाइयों जगमोहन, मनमोहन और जगदीश ने मन बना लिया था कि सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपने गांव में रहेंगे। इसके लिए उन्होंने पक्का मकान भी बना लिया है। हालांकि गांव में इंटरनेट की कमी के चलते उनके बच्चे अपने ऑनलाइन कार्यों को गांव से नहीं कर पाए, जिसके बाद उन्हें काम के लिये वापस शहर जाना पड़ा। आगे पढ़िए
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: 8 जून के बाद इन जिलों को मिल सकती है छूट..अनलॉक की तैयारी शुरू
उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि गांव गांव तक सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य,दूरसंचार आदि सुविधा अगर बेहतर होगी तो कोई भी व्यक्ति गांव से बाहर नहीं जाएगा। ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी की ओर से बताया गया है कि उनके गांव में जो परिवार आया है उससे गांव में काफी खुशहाली लौट चुकी है स्वयं डीएम पौड़ी भी उनसे मुलाकात करने पहुंचे जिन्हें होम आईसुलेशन किट, दवाइयां मास्क,हैंड सेनेटाइजर वितरित किये गए साथ ही उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया गया है। जिलाधिकारी पौड़ी डॉ विजय कुमार जोगदंडे की ओर से बताया गया है कि चौंडली गांव का रहने वाला यह परिवार अपने गांव वापस लौट चुका है। गांव में रहने की मंशा से वापस लौटे प्रवासियों को जिला प्रशासन पौड़ी द्वारा सरकार की ओर से चलाई जा रही कृषि, बागवानी, पशुपालन और पर्यटन संबंधित योजनाओं से जोड़ा जाएगा ताकि इन योजनाओं से जोड़कर घर पर ही स्वरोजगार की शुरुआत की जा सके। साथ ही अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा कि वह गाँव मे रहकर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना का लाभ लेकर अच्छी आमदनी कमाए ताकि उनका गांव पूर्व की तरह आबाद हो सके।