image: Aastik Arya IMA Passing Out

देहरादून: 2014 में शहीद हुआ था बड़ा भाई, अब सेना में अफसर बना छोटा भाई..बधाई दें

भाई की शहादत से आस्तिक सदमे में थे, लेकिन उन्होंने खुद को संभालते हुए अपने भाई की सीख को याद रखा और उनके बताये रास्ते पर चलते हुए आईएमए तक पहुंचे।
Jun 12 2021 10:59AM, Writer:Komal Negi

साल 2014। निमित आर्य ने सेना में कमीशन हासिल किया। देश सेवा के लिए बचपन से जुनूनी रहे निमित सेना का हिस्सा तो बन गए, लेकिन एक ट्रेनिंग के दौरान वो शहीद हो गए। पूरा परिवार गम में डूबा था, सदमे में था, लेकिन निमित के छोटे भाई आस्तिक के मन में कुछ और ही चल रहा था। वो भाई के सपने को पूरा करना चाहते थे। देश सेवा के पथ पर आगे बढ़ना चाहते थे। इसके लिए आस्तिक ने खूब मेहनत की और शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी में हुई पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार कर बतौर अफसर सेना का हिस्सा बन गए। कल तक आस्तिक आईएमए के जेंटलमैन कैडेट थे, लेकिन आज के बाद वो लेफ्टिनेंट आस्तिक आर्या के रूप में पहचाने जाएंगे। आस्तिक में देश की सेवा का जुनून देखते ही बनता है, देश के लिए मर मिटने की यही दीवानगी जेंटलमैन केडेट आस्तिक आर्या अपने भाई में भी देख चुके हैं। आगे पढ़िए

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शायद उसी प्रेरणा से आज उन्होंने अकादमी में प्रवेश पाकर भारतीय सेना में अफसर बनने का लक्ष्य हासिल किया है। हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले आस्तिक आर्य के बड़े भाई निमित आर्या भी सेना में कमीशन पाए थे। उस वक्त आस्तिक की उम्र कम थी, लेकिन भाई को देख वो भी देश के लिए कुछ करने की सोच के साथ आगे बढ़ने लगे। दुर्भाग्य से साल 2014 में निमित एक ट्रेनिंग के दौरान शहीद हो गए। आस्तिक सदमे में थे, लेकिन उन्होंने खुद को संभालते हुए अपने भाई की सीख को याद रखा और उनके बताये रास्ते पर चलते हुए अकादमी तक पहुंचे। शनिवार को हुई पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए, जिनमें हरियाणा के आस्तिक आर्या भी शामिल हैं।


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