उत्तराखंड: किन्नरों को ‘हक’ दिलाने वाला पहला जिला बना देहरादून, पहली बार हुआ ये काम
दस्तावेज न होने की वजह से किन्नरों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहचान पत्र मिलने से अब वो किसी भी बैंक से लोन लेकर बिजनेस कर सकेंगे, सरकारी योजना का लाभ उठा सकेंगे।
Jun 26 2021 5:59PM, Writer:Komal Negi
‘बदलाव प्रकृति का नियम है। किन्नर समाज के प्रति लोगों को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है, क्योंकि किन्नर भी समाज का ही हिस्सा हैं’, ये शब्द किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के हैं। पिछले दिनों जब महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी हरिद्वार महाकुंभ में हिस्सा लेने आईं तो उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की बात कही थी। ये बातें हम आज आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि हाल में देहरादून में किन्नरों के हक में ऐसा शानदार काम हुआ है, जिसकी मिसाल सालों तक दी जाएगी। अपना देहरादून किन्नरों को पहचान देने वाला राज्य का पहला जिला बन गया है। देहरादून में समाज कल्याण विभाग की ओर से जिले के दो किन्नरों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं। अब किन्नरों के पास अपनी पहचान होगी। वो उपेक्षित नहीं कहलाएंगे और मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। चलिए पहले आपको उन लोगों के बारे में बताते हैं, जिन्हें आईडी कार्ड मिले हैं, इससे क्या फायदे होंगे, ये भी बताएंगे.
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समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडेय के मुताबिक जिलाधिकारी के प्रयासों से विक्रम उर्फ काजल थापा और सुनील उर्फ अदिति शर्मा को आईडी कार्ड जारी किया गया है। पहचान पत्र मिलने से किन्नर किसी भी बैंक से लोन लेकर बिजनेस कर सकते हैं और सरकारी योजना का लाभ भी उठा सकते हैं। आपको बता दें कि भारत सरकार ने ट्रांसजेंडर पर्सन्स एक्ट 2019 के क्रम में ट्रांसजेंडर को आईडी कार्ड जारी करने के उद्देश्य से विशेष पोर्टल बनाया है। इस पर आईडी कार्ड के लिए किन्नर आवेदन कर सकते हैं। साथ ही अपनी इच्छा से नाम भी परिवर्तित कर सकते हैं। ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रॉटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल- 2019 तीसरे जेंडर के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए मैकेनिज्म उपलब्ध कराने की बात करता है। सरकार का मानना है कि विधेयक से इस वर्ग के विरूद्ध भेदभाव और दुर्व्यवहार कम होने के साथ ही इन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी।