उत्तराखंड आपदा में अब तक 46 लोगों की मौत, उत्तरकाशी में 3 पोर्टर लापता
आपदा से नैनीताल जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां खैरना में मार्ग बंद होने से 500 लोग कई घंटों से फंसे हुए हैं।
Oct 20 2021 1:05PM, Writer:Komal Negi
मूसलाधार बारिश के चलते प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बहुत बुरा हाल है। सोमवार और मंगलवार को उत्तराखंड में आई आपदा में 46 लोगों की मौत हुई है। 12 लोग घायल हैं, जबकि 11 लोग लापता बताए जा रहे हैं। मूसलाधार बारिश के चलते कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। नेचुरल डिजास्टर इंसीडेंट रिपोर्ट के अनुसार आपदा में नौ घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुल मिलाकर हर जगह से सिर्फ बुरी खबरें ही सुनने को मिल रही हैं। नैनीताल के ओखलकांडा ब्लॉक के थलाड़ी में एक मकान के धराशायी होने से वहां रह रहे छह लोगों के दबने की खबर है। इनकी खोजबीन के लिए धारी एसडीएम योगेश सिंह के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम राहत-बचाव अभियान चला रही है। एसडीएम ने बताया कि सड़क बंद और नेटवर्क न होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपदा से नैनीताल जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां खैरना में मार्ग बंद होने से 500 लोग बुधवार सुबह से फंसे हुए हैं।
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सेना के जवान आपदा प्रभावितों की मदद में जुटे हुए हैं। डोगरा बटालियन की एक टुकड़ी अल्मोड़ा-गरमपानी मार्ग में, एक टुकड़ी खैरना में और एक टुकड़ी कैंची धाम में राहत का कार्य कर रही है। खैरना में स्थित स्कूल में सेना के जवान फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार कर रहे हैं। साथ ही पीड़ित लोगों की मेडिकल जांच भी की जा रही है। उत्तरकाशी से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों के लापता होने की सूचना है। तीनों पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की टीम के साथ सीमा पर लंबी दूरी की गश्त के लिए रवाना हुए थे। आईटीबीपी ने इन पोर्टरों को तलाशने के लिए वायु सेना और राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी है। आईटीबीपी जवानों की टीम सर्च अभियान के लिए निकल गई है। बुधवार को राजधानी देहरादून सहित अधिकतर इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। चारधाम यात्रा भी सुचारू है।