image: two brothers cast their vote before funeral of father In Uttarkashi

इन दो गढ़वाली भाईयों को सैल्यूट, पिता के अंतिम संस्कार से पहले किया मतदान

लोकतंत्र के प्रति अपना फर्ज निभाने के लिए इन दो भाईयों ने जो किया, वो जानकर आप भी इन्हें सैल्यूट करेंगे।
Feb 15 2022 11:47AM, Writer:कोमल नेगी

लोकतंत्र के पर्व पर मतदाताओं में खूब उत्साह दिखाई दिया। कोई डोली से पोलिंग बूथ पहुंचा तो किसी ने शादी-ब्याह की रस्मों से पहले वोट देना जरूरी समझा। ऐसी ही एक तस्वीर उत्तरकाशी से भी आई है। जहां दो बेटों ने लोकतंत्र के प्रति अपना फर्ज निभाने के लिए जो किया, वो जानकर आप भी इन्हें सैल्यूट करेंगे। इनके पिता का निधन हो गया था। पूरा परिवार गम में डूबा था, इसके बावजूद इन दोनों भाईयों ने किसी तरह हिम्मत बांधी और पिता के अंतिम संस्कार से पहले मतदान कर पुत्रधर्म के साथ ही जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी निभाया। डुंडा विकास खंड के बांदू गांव निवासी क्षेत्र के कथावाचक आचार्य बाल गोविंद सेमवाल (92) की रविवार देर शाम मौत हो गई थी। वो कुछ दिनों से बीमार थे। बाल गोविंद परिवार के साथ ब्रहमखाल में रहते थे। मृत्यु के बाद बालगोविंद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बांदू ले जाया गया। आगे पढ़िए

सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाना था। उनके बेटे राकेश मोहन सेमवाल और बिरेश मोहन सेमवाल पिता के निधन से सदमे में थे, लेकिन उन्होंने सोमवार को पिता के अंतिम संस्कार से पहले वोट देने का फैसला किया। यही नहीं गांव के सभी लोगों से मतदान की अपील भी की। दोनों बेटों ने गांव के अन्य लोगों संग 12 बजे तक मतदान किया और बाद में देवीधार स्थित घाट पर पिता को अंतिम विदाई दी। बिरेश मोहन सेमवाल ने कहा कि पिता का अंतिम संस्कार करना पुत्र धर्म है, तो मतदान करना राष्ट्रधर्म है। वोट देना देश के हर नागरिक का कर्तव्य है। लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने के लिए प्रशासन ने भी बिरेश और राकेश की सराहना की, दोनों को समाज के लिए मिसाल बताया।


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