उत्तराखंड: 10 साल की आनंदी को घर से उठाकर ले गया गुलदार, खेत में मिली अधखाई लाश
बच्ची को खोजते हुए जब ग्रामीण गन्ने के खेत के पास पहुंचे तो वहां से तेंदुए के गुर्राने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीण खेत में गए तो वहां मीनू की लाश पड़ी थी।
Oct 8 2022 6:19PM, Writer:कोमल नेगी
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार-बाघ आतंक का सबब बने हुए हैं।
Leopard attack on Anandi Joshi in Udham Singh Nagar
गुलदार के हमले में लोग जान गंवा रहे हैं। ताजा मामला ऊधमसिंहनगर का है, जहां गुलदार ने 10 साल की मासूम को निवाला बना लिया। गुरुवार की देर शाम वासुदेव जोशी की 10 वर्षीय बेटी आनंदी जोशी निवासी चेतुआखेड़ा देवीपुर डेमपार अचानक लापता हो गई थी। काफी खोजबीन के बाद बच्ची का शव गन्ने के खेत में मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामे की कार्यवाही की है। तेंदुए के हमले के बाद गांव में दहशत का माहौल है। प्रधान रमेश यादव ने बताया कि बच्ची को खोजते हुए जब ग्रामीण गन्ने के खेत के पास पहुंचे तो वहां से तेंदुए के गुर्राने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीणों ने घेराबंदी कर दी। इसके बाद ग्रामीण गन्ने के खेत में घुस गए। वहां से मीनू का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। ग्रामीणों की आहट सुनकर तेंदुआ जंगल की तरफ भाग गया।
बालिका के शरीर पर पंजों के निशान हैं। जिससे पता चल रहा है कि तेंदुए के हमले में बालिका की मौत हुई है। घटना के बाद बालिका के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के साथ तेंदुए को आदमखोर घोषित कर मारने की मांग की है। गांव में दहशत का माहौल बन गया है। लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने वन्यजीवों द्वारा वयस्क एवं अवयस्क की मृत्यु पर मुआवजा राशि की दर को चार लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का ऐलान किया है। घायल व्यक्ति के लिए अनुग्रह राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया गया है, लेकिन अगर मुआवजे की रकम को करोड़ भी कर दिया जाए तो भी एक इंसान की कमी की भरपाई नहीं की जा सकती। उस दर्द को नहीं मिटाया जा सकता, जिससे मासूम मीनू के परिजनों को पूरी जिंदगी गुजरना पड़ेगा।